नई दिल्ली:- भारत में किसान देश की रीढ़ माने जाते हैं. सरकार समय-समय पर किसानों के हित में कई कल्याणकारी योजनाएं लागू करती है. इन्हीं योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, जो किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. इस योजना का फायदा खासकर छोटे और सीमांत किसानों को मिल रहा है.
योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 60 वर्ष की आयु के बाद किसानों को अपनी आजीविका के लिए दूसरों पर निर्भर न होना पड़े. अक्सर ऐसा देखा गया है कि उम्र बढ़ने के बाद किसान खेती का काम जारी नहीं रख पाते और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस योजना के तहत उन्हें नियमित पेंशन की सुविधा मिलती है.
किसानों को क्या मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत अगर किसान 60 वर्ष की आयु तक प्रीमियम जमा करते हैं, तो उन्हें उसके बाद हर महीने ₹3000 पेंशन के रूप में मिलने लगती है. इतना ही नहीं, अगर किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को भी आर्थिक सुरक्षा मिलती है. पत्नी को ₹1500 प्रति माह पेंशन दी जाती है, जिससे परिवार को बुढ़ापे में सहारा मिलता है.
प्रीमियम कितना देना होगा?
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसानों को बहुत ही कम प्रीमियम देना पड़ता है.
18 वर्ष की आयु में जुड़ने वाले किसानों को केवल ₹55 प्रति माह का योगदान करना होता है.
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, प्रीमियम भी बढ़ता जाता है. यह राशि अधिकतम ₹200 प्रति माह तक जाती है.
यह योगदान किसान की उम्र और आयु वर्ग के आधार पर तय किया जाता है.
आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होता है.
सबसे पहले किसान को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.
यहां उन्हें लॉगिन कर जरूरी जानकारियां भरनी होंगी.
इसके बाद Generate OTP विकल्प पर क्लिक कर, प्राप्त ओटीपी दर्ज करना होगा.
अंत में Submit करने के बाद आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
किसानों की सुविधा के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी इस योजना में पंजीकरण कराया जा सकता है.