बिहार:- राजनीति में महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. हाल ही में राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की गाइडलाइन जारी कर दी गई है. इस योजना के तहत राज्य की हर वह महिला, जो स्वरोजगार शुरू करना चाहती है, उसे 10,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जाएगी.
चुनावी मौसम में बड़ा दांव
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इस योजना को महिलाओं को आकर्षित करने वाला अहम फैसला माना जा रहा है. इससे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी अभियान, शिक्षक भर्ती में महिला आरक्षण और जीविका दीदी योजना के जरिये महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर चुके हैं.
कैसे मिलेगा लाभ
गाइडलाइन के अनुसार इस योजना का लाभ एक परिवार से केवल एक महिला को मिलेगा. इसके लिए जरूरी है कि लाभार्थी महिला जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हो. शुरुआती 10,000 रुपये की सहायता मिलने के बाद, अगर महिला का व्यवसाय छह महीने तक सफल रहता है, तो उसे आगे बढ़ाने के लिए 15,000 रुपये से लेकर अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. इस लोन पर 12% सालाना ब्याज दर तय की गई है और चुकाने की अवधि 1 से 3 साल रखी गई है, ताकि महिलाओं पर अधिक बोझ न पड़े.
2.7 करोड़ परिवारों को जोड़ा जाएगा
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि इस योजना का लाभ राज्य के 2.7 करोड़ परिवारों की महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा. इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
जीविका से जुड़ी महिलाओं को मिलेगा सीधा फायदा
वर्तमान में राज्य में 10.81 लाख स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे 1.34 करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं. इन समूहों के जरिए महिलाएं कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, किराना दुकान, सिलाई-कढ़ाई और छोटे उद्योगों से अपनी आय बढ़ा रही हैं. अब नई योजना से इन समूहों को और अधिक मजबूती मिलेगी.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान
बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति द्वारा संचालित जीविका दीदी योजना पहले से ही महिलाओं के लिए आय का बड़ा जरिया रही है. हाल ही में गठित जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड के जरिए महिलाओं को बैंक की तरह सस्ती दरों पर कर्ज भी मिल रहा है.