कोंडागांव:- आलोर की पहाड़ियों में स्थित मां लिंगेश्वरी मंदिर की मान्यता किसी चमत्कार से कम नहीं है. साथ ही यहां की परंपरा इसे और खास बना देती है. मान्यता है कि, यहां संतान सुख की प्राप्ति होती है. परंपरा ऐसी कि ये गुफा में स्थित ये मंदिर साल में भाद्रपद महीने की एकादशी को साल में सिर्फ एक दिन खुलता है और इस बार वही दिन था.
करीब 40 हजार श्रद्धालु पहुंचे: मां लिंगेश्वरी मंदिर का गुफा द्वार बुधवार सुबह पूरे विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ खोल दिया गया. मान्यता और परंपरा के चलते यहां करीब 40 हजार श्रद्धालु पहुंचे वो भी प्रदेश ही नहीं देश के अलग-अलग हिस्सों से. लोग कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे.
शिवलिंग के स्वरूप में: कहा जाता है कि, मां लिंगेश्वरी माता शिवलिंग के स्वरूप में ग्राम झाटीबन आलोर के पहाड़ों के बीच एक गुफा में विराजमान हैं. यह स्थल कोंडागांव जिले के फरसगांव ब्लॉक में आता है. यहां विशेष पूजा-पाठ, श्रृंगार और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं.
खीरा है यहां का प्रसाद: सुबह जब मंदिर के द्वार खुले तो माता की प्रतिमा के पास बिल्ली के पदचिह्न देखे गए. पदचिन्ह जिस ओर जाते हैं उसके हिसाब से शुभ-अशुभ का माना जाता है. पुजारियों ने बताया कि, इस बार अशुभ संकेत है. हालांकि इसके बावजूद भक्तों में आस्था और उत्साह का माहौल बना रहा. पुजारी ने बताया कि, यहां खीरा प्रसाद के रूप में दिया जाता है. इसे माता ने शुरुआत में पुजारी को बताया था.

