नई दिल्ली :- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब यह कानून बन गया है. यह बिल संसद के लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में पास इसी सप्ताह पास हुआ था. इस कानून के तहत सभी ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगेगा साथ ही इस तरह के गेम उपलब्ध कराने वालों को तीन साल तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है.
इसके अलावा इस कानून का मकसद ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है, लेकिन ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाना है.
वहीं सरकार का कहना है कि इसके जरिए नशे की लत, आर्थिक नुकसान और आत्महत्या जैसे खतरों को रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही, ई-स्पोर्ट्स को अब कानूनी मान्यता मिलेगी और युवाओं के लिए खेल का नया क्षेत्र खुलेगा.
जानिए क्या होंगे बदलाव
इसके तहत अब ई-स्पोर्ट्स को खेल के तौर पर न केवल मान्यता मिलेगी. बल्कि युवा मामलों और खेल मंत्रालय इसके लिए अलग खाका तैयार करेगा.
पहले ई-स्पोर्ट्स को कोई कानूनी रूप से मान्यता नहीं मिली थी, लेकिन अब खिलाड़ियों को अच्छे अवसर मिल सकेंगे.
सोशल गेम्स को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे खिलाड़ी सुरक्षित और जिम्मेदारी से खेल सकें.
मनी गेम्स पर सरकार की कड़ाई
इस कानून के बन जाने से पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स को चलाने के अलावा उसका विज्ञापन करना या उनसे जुड़ा लेन-देन करना अपराध माना जाएगा. हालांकि, खिलाड़ियों पर कोई सजा नहीं होगी. वहीं ऐसे गेम चलाने वाले, विज्ञापन देने वाले और आर्थिक मदद करने वालों को जेल और जुर्माना झेलना पड़ सकता है.
क्या हो सकती है सजा
इस तरह के गेम चलाने वालों को तीन साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
साथ ही विज्ञापन देने वालों को 2 साल तक कीजेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
कैश से जुड़े लेन-देन पर तीन साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना संभव है.
वहीं बार-बार अपराध करने वालों पर 5 साल तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना अदा करना पड़ेगा.
इतना ही नहीं सरकार के द्वारा अफसरों को यह भी अधिकार दिया है कि वे ऑनलाइन या ऑफलाइन संपत्ति जब्त कर सकेंगे और आवश्यकता पड़ने पर बिना वारंट गिरफ्तारी भी कर सकेंगे.
