नई दिल्ली :- डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है. एक बार किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो जाए, तो उसे जीवन भर खान-पान संबंधी सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना पड़ता है. उन्हें अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ानी पड़ती है और कम चीनी वाला आहार लेना पड़ता है. ऐसे में आज इस खबर के जरिए हम जानेंगे कि डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार में किस तरह के फल और सब्जियां शामिल करनी चाहिए…
डायबिटीज रोगियों को अपने आहार में इन सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए
ADA के अनुसार, डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए स्टार्च फ्री सब्जियां डाइट में शामिल करना सबसे अच्छा आप्शन हैं, क्योंकि इनमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है. उदाहरण के लिए, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल, कोलार्ड), ब्रोकली, फूलगोभी, गाजर और शिमला मिर्च. ये सब्जियां ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने, वेट मैनेजमेंच में मदद करने और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने में मदद करती हैं.
डायबिटीज मरी ये सब्जियां खा सकते हैं
स्टार्च फ्री: पालक, केल, ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्तागोभी, शिमला मिर्च, खीरा, टमाटर, तोरी और मशरूम करेला, भिंडी आदि.
स्टार्चयुक्त (संयमित मात्रा में सेवन करें): गाजर, मटर, मक्का, बीन्स और आलू
टमाटर: लाइकोपीन से भरपूर और हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद.
गाजर: फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत.
मशरूम: कार्बोहाइड्रेट और वसा में कम, जो इसे एक अच्छा विकल्प बनाता है.
डायबिटीज रोगियों को अपने आहार में इन फलों को जरूर शामिल करना चाहिए
ADA के मुताबिक, फल फाइबर, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. फलों का सेवन करना डायबिटीज मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है, लेकिन संयम और सही फलों का चुनाव महत्वपूर्ण है. फलों में फाइबर, विटामिन, और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं, लेकिन कुछ फलों में चीनी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए उनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए
इन फलों के सेवन से डायबिटीज मरीजों मिल सकता है फायदा
सेब, खुबानी. एवोकाडो, ब्लैकबेरी. ब्लूबेरी, चेरी, अंगूर, तरबूज, कीवी, संतरा, पपीता, आड़ू. नाशपाती, अनानास, कीनू और खरबूजा जैसे फल डायबिटीज के मरीजों को खाना चाहिए. वही, केला, आम, आलूबुखारा, रसभरी, और कीनू का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए. इन फलों को खाने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें.