नई दिल्ली :- हार्ट ब्लॉक का मतलब है कि दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं. इस स्थिति को नजरअंदाज करने से भविष्य में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थितियां पैदा हो सकती हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई भी लक्षण बार-बार दिखाई दे, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए. हार्ट ब्लॉक को कोरोनरी आर्टरी डिजीज भी कहते हैं. यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें धमनियों में प्लाक जम जाता है. इससे धमनियां संकरी हो जाती हैं और रक्त का प्रवाह कम या तो बंद हो जाता है. इससे हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते. अगर समय पर इसका पता न चले और इलाज न किया जाए, तो यह हार्ट अटैक या अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. इसलिए, इसके लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है.
ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपको अक्सर ठंडे पैर होने का बार-बार सिर्फ एक ही लक्षण दिखाई देता है, तो यह हार्ट ब्लॉकेज का संकेत है. खबर के जरिए जानिए विशेषज्ञ ऐसा क्यों कहते हैं और ठंडे पैरों से कैसे बचाव करें…
अक्सर ठंडे पैर रहना
NHS की वेबसाइज पर प्रकाशित लेख के मुताबिक, पैर अक्सर ठंडे तब हो जाते हैं जब उनका तापमान शरीर के बाकी हिस्सों से कम होता है. लेकिन यह स्थिति मुख्य रूप से तब होती है जब शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है और पैरों तक खून नहीं पहुंच पाता. विशेषज्ञों का कहना है कि यह हार्ट ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है. इसके अलावा, एनीमिया, हाई शुगर, हाईकोलेस्ट्रॉल या दवा लेने वाले लोगों के पैर हमेशा ठंडे रह सकते हैं. इसके अलावा, विटामिन बी-12 की कमी वाले लोगों के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता. इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है.
पैरों को ठंडे होने से ऐसे रोकें
ठंडे मौसम में रहने वाले लोगों के पैर अक्सर ठंडे रहते हैं. ऐसे लोगों को अपने शरीर को गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए. पैरों को गर्म रखने के लिए सही कपड़े पहनना जरूरी है. इसके अलावा, जूते और सैंडल का भी ध्यान रखना जरूरी है. पैर ठंडे रहना अच्छी बात नहीं हैं. पैरों से ठंड शरीर के ऊपरी हिस्सों तक पहुंचती है. इससे हार्ट ब्लॉकेज सहित कई समस्याएं हो सकती हैं.
विटामिन बी12 और आयरन की कमी भी कारण
AIMS अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. लक्ष्मण गायकवाड़ का कहना है कि विटामिन बी12 और आयरन की कमी भी पैरों में ठंड का कारण बन सकती है. इसलिए, आपको विटामिन बी12 और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. ये न केवल शरीर को ताकत देते हैं बल्कि हड्डियों को भी मजबूत बनाते हैं. इसके अलावा, ये पैरों में ठंडक को भी कम करते हैं. इसके लिए, अपने आहार में पालक, चुकंदर, ब्रोकली और डेयरी उत्पादों को शामिल करें. इनके सेवन से शरीर में रेड ब्लड सेल्स प्रोडक्शन बढ़ता है.
हॉट और कोल्ड वाटर थेरेपी
यह तरीका ठंडे पैरों के लिए बेहद कारगर है. यह शरीर में सूजन के स्तर को कम करता है. इसके लिए सबसे पहले अपने पैरों को ठंडे पानी से भरी बाल्टी में डालें. फिर उन्हें गर्म पानी से भरी बाल्टी में डालें. ऐसा करने से आपके पैरों पर दबाव कम होगा.
एक्सरसाइज करना हर बीमारी का इलाज है. घरेलू नुस्खों के साथ-साथ व्यायाम भी बहुत जरूरी होता है. पैरों की एक्सरसाइज़ करने से आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है.
पैरों को गर्म रखने के लिए दादी माँ के नुस्खे बहुत काम आते हैं. गुनगुने तेल से पैरों की मालिश करें .गुनगुने सरसों के तेल, रोज़मेरी या जैतून के तेल से पैरों की मालिश करने से रक्त संचार बेहतर होगा. दर्द भी कम होगा.
अदरक का सेवन करने से भी इस समस्या से राहत मिल सकती है, इसके लिए अदरक की कैंडी या अदरक के टुकड़े चबाना अच्छा रहता है.