बिलासपुर:- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक निलंबित पटवारी ने जान दे दी. पटवारी का नाम सुरेश कुमार मिश्रा है. 62 वर्षीय सुरेश मिश्रा का शव सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव स्थित अपने बहन के फार्म हाउस में मिला. बीते दिनों भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के कारण उसे निलंबित किया गया था. सकरी पुलिस को घटना स्थल से दो पत्र मिले हैं. बताया जा रहा है कि उसमें पटवारी ने खुद को बेकूसर बताया और उसे फंसाने का आरोप लगाया.
ये है पूरा मामला:
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बिलासपुर उरगा राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया. इस दौरान फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा. इस जांच में ढेका गांव के कुछ जमीन मालिकों के नाम फर्जी तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में जोड़कर गलत मुआवजा प्रकरण तैयार करने की बात सामने आई थी. जांच के बाद पटवारी सुरेश मिश्रा को 25 जून को निलंबित किया गया. उसके साथ एक अन्य के खिलाफ भी तोरवा थाने में एफआईआर दर्ज की गई.
30 जून को होने वाले थे रिटायर:
लोगों के मुताबिक निलंबन और एफआईआर दर्ज होने के बाद सुरेश मिश्रा मानसिक तनाव में थे. 30 जून को वह रिटायर होने वाले थे. लेकिन उससे पहले 27 जून को उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली.घटनास्थल से मिले पत्रों में लिखा गया है,-मैं निर्देोश हूं. मुझे जानबूझकर फंसाया गया है. मेरे ऊपर जो आरोप लगाए हैं वह बेबुनियाद है.
निलंबित पटवारी ने फंसाने का लगाया आरोप:
सकरी थाना प्रदीप आर्या ने बताया थाना सकरी के ग्राम जोकी में सुरेश कुमार मिश्रा ने अपनी बहन के फार्म हाउस में आत्महत्या कर ली. मौके पर पंचनामा कार्रवाई की गई. मौके से दो पत्र प्राप्त हुए हैं. जिसमें एक पत्र में अपनी सस्पेंशन से बहाली को लेकर लिखा गया है. वहीं दूसरे पत्र में खुद को बेगुनाह बताते हुए एक कोटवार और दो अन्य लोगों के बारे में उल्लेख किया है. इसके अलावा पत्र में अपनी बीमारी के बारे में भी लिखा है. इस संबंध में अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.