बरसात में सर्पदंश केस बढ़ जाते हैं, सांप के काटने पर बचाव कैसे करें, जानिए
रायपुर:- बरसात का मौसम शुरू हो गया है. इस मौसम में जीव जंतुओं के काटने का खतरा बढ़ जाता है. खासकर सांपों के काटने के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं.
बरसात में सांपों के बिल में पानी भर जाता है, जिससे बचने के लिए सांप बिल के बाहर आ जाते हैं. इस बीच कई बार यह घनी बस्तियों के आसपास भी पहुंच जाते हैं, जहां सापों का सामना इंसानों से होता है. इंसान इन्हें देखते ही मारने की कोशिश करते हैं. वहीं सांप भी खुद को बचाने के लिए इंसानों को डंस लेता है.
सर्पदंश के आंकड़े:
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल मेकाहारा में साल 2024 में लगभग 196 सर्पदंश के मामले आए थे. सबसे ज्यादा अगस्त के महीने में सर्पदंश के केस आए. अगस्त में 53 सर्पदंश के मामले अस्पताल पहुंचे थें. वहीं सितंबर में 35 और अक्टूबर में 28 सर्पदंश के मामले अस्पताल पहुंचे थे.
जनवरी में 6, फरवरी में 2, मार्च में 10, अप्रैल में 4, मई में 16, जून में 27 और जुलाई में 0 सर्पदंश के मामले अस्पताल पहुंचे थे. इसी तरह से नवम्बर में 9 और दिसम्बर 6 में सर्पदंश के मामले अस्पतल पहुंचे थे. इस तरह से सबसे ज्यादा सर्पदंश की घटना अगस्त में देखने को मिली.
यदि साल 2025 की बात की जाए तो जनवरी से लेकर अबतक कुल 52 मामले सर्पदंश के सामने आए हैं. जिसमें से मई में सबसे ज्यादा 22 केस आए. वहीं जनवरी में 00,फरवरी में 8, मार्च में 8 और अप्रैल में 14 सर्पदंश के मामले सामने आए हैं.
सर्पदंश केस से निपटने के लिए मेकाहारा कितना तैयार:
मेकाहारा की पीआरओ शुभ्रा सिंह ने बताया कि अस्पताल के पास एंटी वेनम इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. लगभग 1200 से 1500 एंटी वेनम इंजेक्शन अस्पताल में उपलब्ध है. यदि सर्पदंश का कोई मरीज अस्पताल आता है तो उसके उपचार की पूरी व्यवस्था की गई है. डॉक्टरों की टीम यहां तैनात है, जो मरीज के आने के बाद उसे तुरंत उपचार मुहैया कराती है.
एमडी डॉ. आर एल खरे ने बताया कि सांप के काटने के बाद उसके जहर से इतने लोगों की मौत नहीं होती, जितनी घबराहट के कारण लोग मर जाते हैं. लगभग 80 फीसदी सांप ऐसे होते हैं, जिनमें जहर नहीं होता है और उनके काटने से किसी की मौत नहीं होती है. वहीं कुछ सांप कम जहरीले होते हैं और उनके काटने पर यदि सही समय पर इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है.
डॉ. आर एल खरे ने बताया कि जहरीला सांप के काटने के बाद भी इंसान के शरीर में जहर पहुंचे, यह जरूरी नहीं है. यदि सांप ने इंसान को काटने के पहले किसी मेंढक या जानवर को खाया होगा तो उसका जहर खत्म हो गया होगा और इसलिए उसके काटने से इंसान के शरीर में जहर नहीं फैलता है.
सांप काटने पर क्या करें:
डॉ. आर एल खरे ने बताया कि सांप काटने पर झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए. जहां सांप ने काटा है, उस अंग को स्थिर रखना चाहिए. शरीर का ज्यादा मूवमेंट करने से जहर शरीर में तेजी से फैलता है. जहर निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. शरीर पर कोई कट का निशान नहीं लगाना चाहिए.
जिस जगह पर सांप ने काटा है, उसके थोड़े ऊपर वाली जगह पर किसी धागे या कपड़ा से ऐसा बांधें कि उसमें दो उंगलियां अंदर जा सके. कई लोग ज्यादा टाइट बांध देते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है. इसके बाद व्यक्ति को तुरंत आस पास के अस्पताल ले जाएं और उपचार कराएं.
