रायपुर । कोरबा जिला में जिला खनिज न्यास मद में हुए करोड़ों रूपये के घोटाले में ईओडब्लू के हाथ अहम जानकारी लगी है। कोरबा में पदस्थ रहे तत्कालीन डीएमएफ के नोडल अधिकारी भरोसाराम ठाकुर सहित पूर्व जिला पंचायत सीईओं की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में अहम जानकारी सामने आने की बात कही जा रही है। 13 मई को रिमांड खत्म होने पर सभी को आज कोर्ट में पेश किया गया। जहां अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने 19 मई तक रिमांड बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि कोरबा जिला में डीएमएफ मद में हुए करोड़ों रूपये के घोटाले के मामले में ईओडब्लू ने कोरबा जिला में पदस्थ रहे 3 जनपद पंचायत सीईओ सहित डीएमएफ के नोडल अधिकरी भरोसा राम ठाकुर को गिरफ्तार किया था। ईओडब्लू की गिरफ्त में आये डीएमएफ के नोडल अधिकारी भरोसाराम ठाकुर, सीईओ भूनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर से पूछताछ में ईओडब्लू के हाथ अहम जानकारी लगने की बात कही जा रही है।
अधिकारियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि किस तरह से काम के एवज में कमीशन की मोटी रकम ली जाती थी। 13 मई तक कोर्ट से मिले रिमांड के बाद ईओडब्लू ने मंगलवार को इन चारों अधिकारियों को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पूछताछ के दौरान नए महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। जिसके आधार पर दस्तावेज और सबूत जुटाने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।
अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलील को मानते हुए चारों आरोपियों की रिमांड 19 मई तक बढ़ा दी है। गौरतलब है कि डीएमएफ घोटाले में अब तक 90.48 करोड़ रुपये के गबन का राजफाश हो चुका है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ईओडब्ल्यू के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय ;ईडीद्ध भी इस मामले की जांच कर रही है। रिमांड पर लिए गए अधिकारियों से पूछताछ में इस बड़े घोटाले में कई चैकाने वाली जानकारी सामने आने की उम्मींद है। बताया जा रहा है कि इन खुलासों के बाद ईओडब्लू की टीम साक्ष्य जुटाने के साथ ही और भी लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है।