राजिम। होली का पर्व आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर जगह उत्सव का माहौल है, लेकिन राजिम के श्री राजीव लोचन मंदिर में होली का रंग कुछ खास है। यहां भगवान विष्णु के अवतार राजीव लोचन बाल स्वरूप में भक्तों संग होली खेलते हैं।
मंदिर के सर्वकार चंद्रभान सिंह ठाकुर (राजू) बताते हैं कि यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। आसपास के सैकड़ों गांवों से लोग इस अनूठी होली में शामिल होने पहुंचते हैं। यहां केवल गुलाल से होली खेली जाती है, जो इसे और खास बनाती है।
होलिका दहन से पहले मंदिर का पट बंद हो जाता है। सुबह 4 बजे भगवान का अभिषेक होता है और उन्हें विशेष पोशाक पहनाई जाती है। मंदिर में राजीव लोचन की दो मूर्तियां हैं- एक बड़ी और एक छोटी बाल रूप में। शाम 5 से 6 बजे के बीच बाल मूर्ति को बाहर लाया जाता है, जहां भक्त गुलाल से उनका स्वागत करते हैं।
इस दौरान आकाश और धरती गुलाल से रंगीन हो उठते हैं। दोपहर से ही श्रद्धालु फाग गीत गाते हुए जुटने लगते हैं। क्षेत्र के विधायक और सांसद भी भगवान से आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों के लिए यह पर्व खास है, जब मंदिर परिसर में गुलाल की छटा अनुपम दृश्य रचती है।