सतना। महाकुंभ स्नान नहीं है आसान… दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हादसे के बाद भी मध्य प्रदेश का सतना रेल प्रशासन सबक लेने की बजाय बेपरवाह दिख रहा है। सतना रेलवे स्टेशन में पचास हजार महाकुंभ यात्रियों के पहुंचने से प्लेटफार्म से लेकर पटरियों में भारी भीड़ देखी गई। जान जोखिम में डालकर यात्री सफर करने पर आमदा है। मेला स्पेशल ट्रेन संचालन नकाफी साबित हो रहा है। महाकुंभ यात्रियों की सुरक्षा के लिए सतना रेलवे प्रशासन के दावे सतही हकीकत की पोल खोल रही है।
कुंभ स्नान इतना नहीं है, भीड़ का दरिया है और चीर कर जाना है। सतना रेलवे स्टेशन में महाकुंभ स्नानार्थियों का कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है। दिल्ली स्टेशन हादसे से सीख लेने की बजाय सतना रेल प्रशासन उदासीन दिख रहा है। रेल प्रशासन RPF, GRP के अलावा रिजर्व बल सिविल पुलिस एक्स्ट्रा रेल सुरक्षाकर्मी रेल सुरक्षा समिति सदस्यों को यात्रियों की सुरक्षा में लगाए गए थे, लेकिन छुट्टी का दिन होने से महाकुंभ स्नानार्थियों की पचास हजार की भीड़ प्लेटफार्म पहुंचने से सुरक्षा दावों की धज्जियां उड़ गई।
शनिवार रविवार की रात सतना स्टेशन में भीड़ प्लेटफार्म से लेकर पटरियों तक दिखी। जान जोखिम में डालकर महाकुंभ स्नानार्थियों की जद्दोजहद आसानी से देखी जा सकती है और यह भी देखा जा सकता है कि भारी भीड़ के बीच एक भी रेल प्रशासन RPF, GRP सिविल पुलिस व रेल सुरक्षाकर्मी नहीं दिखे। मेला स्पेशल ट्रेन में बैठने की आपाधापी में हल्की भगदड़ भी हुई लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। दिल्ली स्टेशन भगदड़ हादसे में 15 से ज्यादा महाकुंभ यात्रियों की मौत के बाद सतना से महाकुंभ जाने वाले यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर है, बावजूद इसके रेल पुलिस अपने ही दावे कर रही है।