बिलासपुर।जिला मुख्यालय में कई दर्जन फर्जी क्लीनिक एवं पैथोलॉजी अवैध रूप से चल रहे हैं स्वास्थ्य विभाग बना अनजान , या कहे मेहरबानी है स्वास्थ्य विभाग की ।
बिलासपुर जिला अस्पताल सिम्स रोड, आदि जिला मुख्यालय में फर्जी क्लीनिक और पैथोलॉजी की भरमार है।कुछ मेडिकल वाले मेडिकल के आड़ में कर रहे हैं मरीजों के इलाज बिलासपुर जिला मुख्यालय में इन दिनों मौसमी बीमारियों का दौर सा चल रहा है, बच्चों से लेकर बडे बूढ़े तक सर्दी जुकाम, बुखार, खांसी सहित गले व पेट के बीमारियों से परेशान है। ऐसे में अस्पतालों में प्रतिदिन भारी संख्या में मरीजों की भीड़ आ रही है। लेकिन सभी का इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मरीज क्लीनिकों में पहुंच कर इलाज करा रहे हैं। इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर होने से झोलाछाप डॉक्टरों के पास मरीज जा रहे हैं और बिना जांच के ही दवाई करा रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहर के कई स्थानों में झोलाछाप डॉक्टर और मेडिकल स्टोरर्स में फार्मासिस्ट खुुलेआम मरीजों का इलाज कर उनकी जान से खिलवाड कर रहे हैं।
मौसम के बदलाव से जिले के कई लोग अचानक से बीमार पडऩे लगे है, जिनमें से ज्यादातर बच्चे बीमार पड रहे हैं। ऐसे में जिले की सरकारी स्वास्थ्य सेवा बेहतर नहीं है। ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर नहीं होने या अन्य कार्यों में व्यस्त होने से लोग निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, जो कि बहुत महंगे हैं और जो लोग इतना खर्च उठाने लायक नहीं हैं उनका सहारा झोलाछाप डॉक्टर बन रहे हैं। तो कहीं बंगाली डॉक्टर और झोलाछाप डॉक्टर या चांदसी डॉक्टर कहकर पुकारा जाता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने मेडिकल की डिग्री तो नहीं ली, लेकिन कई साल से गांव, कस्बों में मेडिकल प्रैक्टिस करते आ रहे हैं। जिससे वह डॉक्टर बन कर गांव सहित आसपास के लोगों को इलाज कर रहे हैं।