रायपुर : राजधानी रायपुर में प्रयास विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर छात्रों ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। सड़क पर उतरे छात्रों ने आरोप लगाया कि विद्यालय में अपडेटेड प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ी किताबें नहीं हैं, ना ही लैब है। समस्या की शिकायत करने पर शिक्षक छात्रों को निष्कासित करने की धमकी देते हैं। छात्रों ने वित्त मंत्री मंत्री ओपी चौधरी से अपनी मांगो को लेकर गुहार लगायी है। सरकारी स्कूली में शिक्षा की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठते आये है।
कभी शिक्षकों की मांग, तो कभी मूूलभूत सुविधाओं को तरसते बच्चे सड़को की लड़ाई लड़ने को मजबूर है। कुछ ऐसा ही मामला राजधानी रायपुर के प्रयास आवासीय विद्यालय का सामने आया है। यहां पढ़ने वाले छात्रों ने सड्डू विधानसभा मुख्य मार्ग पर अपनी समस्याओं को लेकर चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम कर आंदोलन कर रहे छात्रों ने बताया कि मौजूदा वक्त में पढ़ाई पहले की तरह नहीं हो रही है। प्रशिक्षण अधिकारियों को पैसा खिलाकर भगा दिया जाता है। प्रशासनिक अधिकारी मंजुलिक तिवारी सालों-साल हॉस्टल के निरीक्षण के लिए नहीं आती। महीनों छुट्टी पर रहती हैं।
विद्यालय में ना तो सही ढंग के लैब है, ना ही कंप्यूटर लैब अपडेटेड है। प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ी किताबे तक उन्हे नही दी जाती। छात्रों ने बताया कि 340 बच्चों के लिए केवल एक से दो वाशरूम ओपन हैं। बाकी में विद्यालय प्रबंधन ने ताला जड़ा हुआ है। लैब पूरी तरह से खाली है। हॉस्टल में मरम्मत के नाम पर बाहर की दीवारों पर केवल रंगाई पुताई की जाती है। छात्रों ने बताया कि जब हॉस्टल में आग लगने की घटना हुई। उस दौरान कलेक्ट्रेट से एक मैडम आई थी। उन्होंने 2 पन्नों की रिपोर्ट तैयार किया, लेकिन अब तक कोई काम नहीं हुआ है। वहीं इस पूरे मामले पर विद्यालय के शिक्षको की अपनी ही दलील है।
बायो विषय के शिक्षक दीपक चैधरी नेबताया कि यहां पर बच्चों को स्टडी मटेरियल उपलब्द्ध कराया गया है। जैसे कि 9वीं और 10वीं के लिए प्रयास में एनटीएससी का एग्जाम होता है, जो गवर्नमेंट की ओर से बंद कर दिया गया है। फिर भी यहां बोर्ड की तैयारी के साथ एनटीएससी बुक इस बार भी दी गयी है। अब बच्चे हाई लेवल की बुक की डिमांड कर रहे, वो उपलब्द्ध करा पाना उनकी हद से बाहर है। वहीं बाथरूम में ताला लगाने के सवाल पर शिक्षक ने बताया कि विद्यालय में शिक्षको के लिए अलग से सेपरेट वॉशरूम नहीं है। शिक्षक भी उसी वॉशरूम का इस्तेमाल करते है, जिसे बच्चे यूज करते हैं।