नई दिल्ली : तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में मिलावट का मामला जहां पर लगातार गर्माया हुआ है वहीं पर सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मिलावट की खबर ने तिरुपति बालाजी मंदिर की शुद्धता पर सवाल खड़े किए है तो वहीं पर कई बातें इस मंदिर के लड्डूओं से जुड़ी है। दरअसल हर दिन तिरूपति बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते है लेकिन इस बात के सामने आने के बाद शायद ही कोई प्रसाद को आसानी से ले पाए। तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसादम की कहानी काफी पौराणिक है जिसके बारे में चलिए जानते है।
माता लक्ष्मी ने पुजारियों को बताई थी लड्डू बनाने की विधि
तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम की कहानी काफी पौराणिक है जिसे लेकर कहा जाता है कि, जब तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति स्थापित की जा रही थी, तो पुजारियों को समझ नहीं आ रहा था कि प्रभु को भोग में क्या अर्पित करें। उसी समय एक बूढ़ी मां लड्डू का थाल लेकर आईं और कहा कि यह लड्डू की थाली प्रथम नैवेद्य के रूप में स्वीकार करें। इसके बाद भगवान की पूजा करने के बाद प्रसाद अर्पित किया गया इसका स्वाद जब प्रसाद के रुप में सभी ने चखा तो पुजारी समेत हर कोई हैरान रह गए। बूढ़ी मां के वेश में आई मां लक्ष्मी ने पुजारियों को स्वादिष्ट प्रसादम लड्डू बनाने का तरीका बताया और कुछ समय बाद वे अंतर्ध्यान हो गईं। इस घटना के बाद माना गया कि खुद देवी लक्ष्मी ने प्रसाद का संकेत देने के लिए सहायता की थी। तब से यह लड्डू तिरुपति बालाजी में बनाए जाने लगे।
भगवान वेंकटेश्वर ने कुबेर से लिया था कर्ज
आपको बताते चलें कि, तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर विराजित है। इसमें ही भगवान वेंकटेश्वर और देवी पद्मावती के विवाह से जुड़ी एक पौराणिक कथा आज भी प्रचलित बताई जाती है जिसके अनुसार, भगवान वेंकटेश्वर ने कुबेर से कर्ज लिया था। माना जाता है कि यह कर्ज आज भी भक्त चुका जा रहे है। लड्डू प्रसादम को इस कर्ज के रुप में ही तैयार किया जा रहा है। लड्डू प्रसादम् को इस कर्ज से जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि यह भगवान के भक्तों को उनके आशीर्वाद के रूप में दिया जाता है और बदले में भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करते हैं।