रायपुर : छत्तीसगढ़ में 14 हजार से ज्यादा पदों पर ली गयी शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट रविवार की देर शाम जारी कर दिया गया है। हालांकि रिजल्ट जारी होने के बाद भी अभी नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को इंतजार करना होगा। इसकी वजह है हाईकोर्ट का निर्देश। दरअसल अलग-अलग वजहों से छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती को हाईकोर्ट में अभ्यर्थियों ने चुनौती दी थी। शिक्षक भर्ती में जहां विषयवार पद को वर्गीकृत नहीं करने को चुनौती दी गयी थी, तो वहीं व्याख्याता, सहायक शिक्षकों व शिक्षक भर्ती में बोनस अंक को लेकर याचिका दायर की गयी थी।
इन याचिकाओं की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आगामी सुनवाई तक रिजल्ट के फाइनलाइज करने पर रोक लगा दी है। बोनस अंक को लेकर जो याचिका दायर की गयी है, उसमें 28 जून को हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था, कि रिजल्ट को फाइनलाइज ना किया जाये। हालांकि परिणाम पर कहीं रोक नहीं था, लिहाजा व्यापम ने रिजल्ट तो जारी कर दिया है, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश तक ज्वाइनिंग होने की उम्मीद नहीं है। इस मामल में अगली सुनवाई 14 अगस्त को होने वाली है। जाहिर है 15 अगस्त के बाद ही नियुक्ति पर स्थिति साफ हो पायेगी।
बोनस अंक को लेकर दी गयी है चुनौती
हाईकोर्ट ने रिजल्ट को फाइनलाइज करने पर रोक लगा दी है। पिछले दिनों शिक्षक पद पर होने वाली भर्ती के परिणाम को फाइनलाइज करने पर रोक लगी थी, लेकिन अब व्याख्याता और सहायक शिक्षकों के रिजल्ट फाइनलाइज पर रोक लगी है। दरअसल कुछ अभ्यर्थियों ने बोनस अंक को लेकर कोर्ट में चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ता के वकील सीजेके राव बताया कि ये रोक सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याता तीनों के लिए हैं। 2019 के नियमावली को आधार बनाते हुए अभ्यर्थियों ने दलील दी थी कि गेस्ट टीचर या लेक्चरर को अतिरिक्त बोनस अंक देने का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन भर्ती में 20 अंक तक बोनस अंक देने का प्रावधान रखा गया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी, अगली सुनवाई तक रिजल्ट को फाइनलाइज करने पर रोक लगा दी गयी है।
पहले सिर्फ शिक्षक भर्ती के रिजल्ट फाइनलाइज करने पर ही लगी थी रोक
हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के फाईनल करने पर अंतरिम रोक लगा दी है। सेवा भर्ती नियम 2019 के विपरीत शिक्षक भर्ती विज्ञापन में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने एवं विषय वार विज्ञापन जारी नहीं करने पर दायर याचिका सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शासन से जवाब तलब करते हुए भर्ती प्रक्रिया फाईनल करने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
इस मामले में याचिकाकर्ता वेदप्रकाश एवं अन्य ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से एक याचिका प्रस्तुत कर बताया कि छ0ग0 शासन द्वारा शिक्षक के टी-संवर्ग के 4659 पद एवं ई-संवर्ग के 1113 पदों की भर्ती हेतु दिनांक 04.05.2023 को विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें शिक्षक पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया। अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का प्रावधान भी विज्ञापन में किया गया है।
जबकि छग स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक तथा प्रशासनिक ) संवर्ग भर्ती नियम 2019 में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का कोई प्रावधान नहीं है इसके अलावा उक्त पदोन्नति तथा भर्ती नियम 2019 की अनुसूची -2 के कॉलम 33 के अनुसार शिक्षक के पद पर विषयवार सीधी भर्ती तथा पदोन्नति किया जाना है किंतु जो विज्ञापन जारी किया गया वहां केवल शिक्षक के लिए जारी किया गया एवं किसी प्रकार का विषय का वर्गीकरण नहीं किया गया जबकि सभी विषय अंग्रेजी, गणित, संस्कृत आदि विषयों के लिए अलग अलग पद जारी किया जाना था।
इस प्रकार विज्ञापन में यह दर्शित ही नहीं है कि कौन सा विषय का कितना पद है और अभ्यर्थी को यह भी जानकारी नहीं होगी कि उसके विषय का पद का विज्ञापन रिक्त है या नहीं। इस प्रकार पदोन्नति एवं सेवा भर्ती नियम के विपरीत विज्ञापन जारी किया गया है. सुनवाई पश्चात् न्यायमूर्ति पी०पी०साहू के एकलपीठ ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है एवं प्रकरण के निराकरण तक भर्ती प्रक्रिया को फाईनल करने पर रोक लगा दिया। आपको बता दें कि 10 जून को ही उक्त विज्ञापन के तहत परीक्षा संपन्न की गयी थी, लेकिन रिजल्ट आना शेष था।