प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में दुनियाभर से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। यह विशाल धार्मिक आयोजन एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहा है। अब तक लगभग 41 करोड़ श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं।
बता दें कि शनिवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संगम में एक साथ पवित्र स्नान किया। इसके बाद दोनों नेता एक-दूसरे का अभिवादन करते हुए महाकुंभ के आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित किया। क्या है महाकुंभ का महत्व? महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित होता है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का पवित्र संगम होता है, जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है।

मान्यता है कि इस संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि यह आयोजन उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा आध्यात्मिक अनुभव है। लाखों की संख्या में लोग यहां आकर पवित्र स्नान कर रहे हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले रहे हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
महाकुंभ 2025 में अब तक 41 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। यह आंकड़ा इस आयोजन की लोकप्रियता और आस्था को दर्शाता है। आने वाले दिनों में और अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। अंतिम शाही स्नान की तैयारी महाकुंभ के अंतिम शाही स्नान की तैयारियां जोरों पर हैं।
इस दौरान सभी अखाड़ों के साधु-संत पवित्र स्नान करेंगे और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते हुए यह आयोजन और भी भव्य होने की उम्मीद है। इस आयोजन में शामिल होकर श्रद्धालु अपने जीवन को धन्य महसूस कर रहे हैं।