प्रयागराज।प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ को पार कर चुकी है. अब भी महाकुंभ में श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है. महाकुंभ में पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और माघ पूर्णिमा का स्नान किया जा चुका है. मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी अमृत स्नान था. वहीं माघ पूर्णिमा को शाही स्नान माना गया.
महाकुंभ में अंतिम स्नान महाशिवरात्रि पर
अब महाकुंभ में अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा. महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ में किया जाना वाला स्नान शाही स्नान होगा. ये महाकुंभ का अतिंम स्नान भी होगा. महाशिवरात्रि के शाही स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि किस दिन है. महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ में होने वाले शाही स्नान का मुहूर्त क्या रहेगा.
महाशिवरात्रि कब है ?
महाशिवरात्रि फालल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगी. वहीं इस तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर हो जाएगी. ऐसे में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. इसी दिन महाकुंभ में शाही स्नान किया जाएगा.
महाशिवरात्रि पर शाही का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत 5 बजकर 9 मिनट पर होगी. ब्रह्म मुहूर्त का समापन 5 बजकर 59 मिनट पर हो जाएगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरु होगा. ये मुहूर्त शाम 6 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात के 12 बजकर 9 मिनट पर शुरू होगा. ये मुहूर्त 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में महाकुंभ का अंतिम शाही स्नान शुरू होगा. ब्रह्म मुहूर्त में संगम में स्नान करना विशेष फलदायी होता है. इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ में किसी भी समय आस्था की डुबकी लगाई जा सकती है.
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन भगवान शिव का पूजन और व्रत किया जाता है. महाशिवरातत्रि पर व्रत और पूजन से जीवन में खुशहाली आती है.