कोरबा : छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज एसईसीएल प्रबंधन को सीधे चेतावनी दे दी हैं। नौकरी की मांग को लेकर धरना दे रहे ग्रामीणों को समर्थन करने पहुंचे जयसिंह अग्रवाल एसईसीएल प्रबंधन की मनमानी पर बिफर पड़े। धरना स्थल से ही राजस्व मंत्री ने कह दिया कि मैं चेतावनी देता हूं एसईसीएल के अधिकारियों को या तो संभल जाये…..सुधर जाये….वरना सुधार दिया जायेगा। दरअसल खदान में काम करने वाली आउट सोर्सिंग ठेका कंपनियों में स्थानीय लोगों को नौकरी देने के मामले में लगातार उपेक्षा की जाती रही हैं। जिसे लेकर आज स्थानीय ग्रामीणों ने मानिकपुर डिप्टी जीएम कार्यालय के बाहर धरना दे दिया गया। इस धरना में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी पहुंच गये और उन्होने एसईसीएल प्रबंधन पर जमकर आरोप लगाये।
गौरतलब हैं कि एसईसीएल प्रबंधन भूविस्थातिपों के साथ ही खदान से प्रभावितों को राहत देने के नाम पर हमेशा से ही मनमानी करता रहा हैं। ऐसी ही मनमानी कोरबा एरिया के मानिकपुर खदान में पिछल कई महीनों से सामने आ रहा था। यहां खदान में काम करने वाली ठेका कंपनियों द्वारा बाहर से ही लेबर, वाहन चालक सहित दूसरे स्टाफ लाकर काम कराये जा रहे थे। बताया जा रहा हैं कि मानिकपुर खदान से प्रभावित सात गांव के ग्रामीण लगातार रोजगार की मांग को लेकर प्रबंधन और ठेका कंपनियों के चक्कर लगाया जा रहा था। बावजूद इसके कोई ना कोई कारण बताकर स्थानीय लोगों को ठेका कंपनियां काम देने से बच रही थी। इस बात से परेशान होकर मंगलवार को मानिकपुर खदान से प्रभावित गांव के ग्रामीण डिप्टी जीएम कार्यायल का घेराव कर धरना पर बैठ गये।
दोपहर के वक्त धरना स्थल पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल पहुंच गये और वे भी धरना दे रहे ग्रामीणों को समर्थन करते हुए एसईसीएल प्रबंधन को आड़े हाथों लिया गया। धरना स्थल से ही राजस्व मंत्री ने एसईसीएल की मनमानियों की पोल खोलते हुए सख्त चेतावनी दे दी। राजस्व मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि एसईसीएल प्रबंधन के लोग बोलते कुछ है और करते कुछ हैं, अब इनकी जुबान की कोई कीमत बची ही नही हैं। जयसिंह अग्रवाल ने आरोप लगाया कि एसईसीएल प्रबंधन फायदे में हैं, अगर आप बता दिजिये 10-20 साल का रिकार्ड निकालकर, अगर घाटा आपको हुआ हैं, तो घाटा की पूर्ति मैं करूंगा। राजस्व मंत्री ने धरना स्थल से ही एसईसीएल प्रबंधन और ठेका कंपनियों को चेताते हुए कह दिया कि बाहर से यहां आने वाली कंपनियों को स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी देनी होगी।
ऐसा नही चेलगा कि सारे मजदूर और कर्मचारी बाहर से ही यहां लाये जाये। जयसिंह अग्रवाल यहीं नही रूके उन्होने एसईसीएल के अधिकारियों को कह दिया कि….. चेतावनी देता हूं एसईसीएल के अधिकारियों को या तो संभल जाये…..सुधर जाये….वरना सुधार दिया जायेगा आप लोगों को…..। जयसिंह अग्रवाल के इस चेतावनी के बाद बैकफूट में आये एसईसीएल प्रबंधन ने देर शाम तक त्रिपक्षीय वार्ता किया गया। इस बैठक में एसईसीएल प्रबंधन, ठेका कंपनी और प्रभावित लोग शामिल हुए। बैठक में लंबी चर्चा के बाद ठेका कंपनी और प्रबंधन ने 80 प्रतिशत स्थानीय और 20 प्रतिशत बाहरी लोगों को नौकरी पर रखने की बात पर अपनी सहमति दी हैं। जिसके बाद धरना समाप्त कर आंदोलन कर रहे ग्रामीण वापस अपने घर लौटे।