रायपुर : छत्तीसगढ़ में धान को लेकर फिर से घमासान शुरू हो गया है। पिछले साल 1 नवंबर से धान की खरीदी हुई थी। लेकिन इस बार अभी तक तारीख का ऐलान नहीं हुए हैं। हालांकि संकेत हैं कि 15 नवंबर से धान की खरीदी हो सकती है। इधर धान की खरीदी में देरी को लेकर राजनीति गरमा गयी है। कांग्रेस 1 नवंबर से ही धान खरीदी की मांग कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने धान खरीदी को लेकर भाजपा के आ रहे बयानों पर पलटवार किया है।
दीपक बैज ने साधा निशाना
दीपक बैज ने कहा कि क्या वो उद्योगपति के बेटे हैं। क्या सिर्फ मंत्री ही किसान के बेटे हैं। यहां किसी एक आदमी की बात नहीं हो रही है, बल्कि कांग्रेस किसानों की बात कर रही है। धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू होनी चाहिए.,पिछले साल भी 1 नवंबर से धान खरीदी हुई थी। धान पक चुका है, अगर धान की खरीदी जल्द शुरू नहीं होती है, तो किसानों को इसका नुकसान होगा। बैज ने सवाल उठाया है कि क्या राज्य सरकार केंद्र सरकार के दबाव में है।
सिंहदेव ने भी जल्द खरीदी शुरू करने की मांग
वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने धान खरीदी को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। सिंहदेव ने कहा कि साय सरकार किस कारण से धान खरीदी का समय 15 दिन आगे बढ़ाया, ये समझ से परे हैं। अगर जल्दी खरीदी चालू होती है तो किसानों के लिए राहत और अच्छा रहता। सरकार को अभी से धान खरीदी के लिए पूरी तरह से तैयार होना चाहिए क्योंकि इस बार धान पिछले बार से ज्यादा आएगा और किसानों का पूरा धान खरीदी होना चाहिए।
अगर सरकार खरीदी देर से चालू करती है तो ये न हो कि पूरा धान खरीदी न हो पाएं,अगर धान खरीदी सरकार 15 नवंबर से चालू करती है तो बंद कब करेगी। छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी जल्द चालू होती तो किसानों को राहत मिलती। छत्तीसगढ़ सरकार ने जो कहा है, वादा किया है उसको पूरा करना चाहिए नहीं तो इसका खामियाजा तो मिलता ही है।
मंत्री टंकराम वर्मा का पलटवार
इधर कांग्रेस नेताओं के धान खरीदी को लेकर आ रहे बयान पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा है कि उनके कहने से क्या होगा? 1 नवंबर को धान गीला रहता है।हम किसान के बेटे है खेती किसानी करते है। 1 नवंबर को धान कटता है तो गिला रहता है। उसको कही ले नही जा सकते। 15 नवंबर को सरकार ने धान खरीदी का निर्णय लिया है। ये फैसला स्वागत योग्य है। 15 नवंबर को धान खरीदी शुरू हो जाएगी। हमारे किसानों का धान भी तैयार हो जाएगा।