रायपुर:- प्रदेश के रायपुर, दुर्ग-भिलाई और रायगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों से मध्य प्रदेश में बिना जीएसटी चुकाए सरिया भेजने वाले टैक्स चोर अब राजमार्गों का उपयोग करने से बच रहे हैं। राज्य जीएसटी को यह जानकारी मिली है।
टोल नाकों पर अवैध व्यापार में लगे वाहनों पर लगातार हो रही कार्रवाई के बाद टैक्स चोरी करने वाले गिरोह अब सतर्क हो गए हैं। यही कारण है कि वे मध्य प्रदेश की सीमा पार करने के लिए पीएम ग्रामीण सड़कों का सहारा ले रहे हैं। कर चोरों की इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए विभाग अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी सख्ती बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
हर महीने 2.5 करोड़ का जुर्माना
राज्य जीएसटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बिना कर चुकाए सरिया के व्यापार पर कार्रवाई लगातार जारी है। टोल नाकों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित सिस्टम की मदद से सरिया के अवैध परिवहन पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है। हर महीने इन कंपनियों से दो से ढाई करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूला जा रहा है।
टोल वाले राजमार्ग कर चोरों के लिए अब सुरक्षित नहीं रहे, इसलिए वे पीएम ग्रामीण सड़कों से सीमा पार कर रहे हैं। इस जानकारी के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी निगरानी बढ़ाई जा रही है।
फ्लाइंग स्क्वॉड की संख्या बढ़ाई गई
सूत्रों के अनुसार, कार्रवाई तेज करने के लिए जमीनी अमला बढ़ाया गया है। हाल ही में विभागीय उड़नदस्तों (फ्लाइंग स्क्वॉड) की संख्या आठ से बढ़ाकर 15 कर दी गई है।
सरिया पर 18% जीएसटी
सरिया 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में आता है। कर से बचने के लिए टैक्स चोर सरिया फैक्ट्रियों से खरीदकर पड़ोसी राज्यों में बिना ई-वे बिल या फर्जी बिलों के जरिए भेजते हैं। इससे राज्य को हर महीने करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
जबलपुर बड़ी मंडी
जीएसटी सूत्रों के अनुसार, अवैध सरिया कारोबार में जबलपुर प्रमुख केंद्र है। वहां भी केंद्रीय जीएसटी लगातार कार्रवाई कर रहा है। यह कारोबार इंदौर, मंडला सहित अन्य शहरों में भी फैला हुआ है।
राज्य जीएसटी,आयुक्त पुष्पेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि राज्य जीएसटी की कार्रवाई से कर चोरी के मामलों में 40 प्रतिशत की कमी आई है और निगरानी और सख्त की जा रही है।