कांकेर:- छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए काफी मशहूर है. देश विदेश के सैलानी हर साल लाखों की संख्या में बस्तर आते हैं और पर्यटन स्थलों का लुत्फ उठाते हैं. बस्तर के चित्रकोट, तीरथगढ़ का नाम तो आपने काफी सुना होगा. ऐसे ही आज हम आपको कांकेर जिले में स्थित मलांजकुडूम जलप्रपात के बारे में बताने जा रहे हैं.
तीन झरनों से मिलकर बना मलांजकुडूम जलप्रपात: कांकेर जिला छत्तीसगढ़ के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है और पहले पुराने बस्तर जिले का हिस्सा था. कांकेर से 15 किलोमीटर की दूरी पर मलांजकुडूम जलप्रपात स्थित है. यह तीन अलग अलग झरनों से मिलकर बना है. सुंदरता से भरपूर यह मलांजकुडुम झरना 10 मीटर, 15 मीटर और 9 मीटर की ऊंचाई के साथ तीन झरनों से बना है.
मलाजकुडूम झरना दूध नदी में स्थित है. हर वर्ष मानसून के मौसम में हजारों पर्यटक इस प्यारे और सुरम्य जलप्रपात को निहारने के लिए आनंद लेने के लिए आते हैं. यह जलप्रपात तीन चरण में गिरता है. पहले चरण में 60-65 फीट की ऊंचाई पर, दूसरे चरण में 40-45 फीट और तीसरा चरण 20-25 फीट ऊंचा जलप्रपात है. जलप्रपात के ऊपर नदी का बहाव बहुत तेज होता है.
मलांजकुडूम जलप्रपात में पर्यटकों को मिलेंगी सुविधाएं: कांकेर जिले के मुख्य वन संरक्षक अधिकारी दिलराज प्रभाकर कहते हैं कि हमारे विभाग के माध्यम से मलांजकुडूम जल प्रपात क्षेत्र में जो भी सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं, वहां उपलब्ध कराएंगे. इसके अलावा वन प्रबंधन समिति के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर भी दिया जा रहा है.
इस वॉटरफॉल की लहरें बेहद आकर्षक और चुनौतीपूर्ण हैं. घूमने के लिए यह जगह बहुत अच्छी है. यह जलप्रपात छात्रों, शिक्षकों में बहुत लोकप्रिय है. पिकनिक के लिए यह एक आदर्श स्थान है.