8नई दिल्ली :- वर्तमान में बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान की आदतों के कारण बहुत से लोग मोटापे की समस्या का शिकार हो रहे हैं. इसलिए लोग वजन कम करने के लिए कुछ न कुछ उपाय कर रहे हैं. इसके चलते कुछ लोग अपने खान-पान की आदतों में बदलाव करते हैं, कुछ जमकर व्यायाम करते हैं और कुछ तो वजन कम करने के लिए खाना भी छोड़ देते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे उपाय करके वजन कम करने के बजाय डाइट में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करने से वजन नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. इन्हीं में से एक है रागी. रागी से बने खाद्य पदार्थों का रेगुलर सेवन वजन कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके अलावा भी रागी खाने के कई हेल्थ बेनिफिट्स हैं. रागी को आप डोसा, इडली और चपाती के रूप में भी खा सकते हैं. तो आइए जानते हैं रागी खाने के फायदे और किसे रागी खाने से बचना चाहिए…
वेट कंट्रोल: अधिक वजन वाले लोग रागी को अपने आहार में शामिल करके अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं. 2011 में एनसीबीआई जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रागी फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है. रोजाना थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और बार-बार खाने का मन नहीं करता है. साथ ही, रागी के नियमित सेवन से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं.
हड्डियों की मजबूती: रागी कैल्शियम से भरपूर होता है. हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग जर्नल ‘एसेंशियल न्यूट्रिएंट्स योर बॉडी नीड्स टू बिल्ड बोन्स’ में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि यह हड्डियों की मजबूती बढ़ाने और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है. इसके फायदों के कारण, रागी बच्चों के लिए भी अनुशंसित है. विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्ग लोग रागी को अपने आहार में शामिल करके ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बच सकते हैं.
ग्लूकोज कंट्रोल: रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स चावल और गेहूं की तुलना में काफी कम होता है. इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है. इसके अलावा, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इसमें मौजूद फ्री रेडिकल स्कैवेंजर डायबिटीज और उम्र बढ़ने की कॉम्प्लिकेशन को कम करते हैं.
गर्भवती महिलाओं के लिए ठीक: रागी कैल्शियम और फोलिक एसिड से भरपूर होता है, इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं के लिए रागी बेहद फायदेमंद है. रागी में मौजूद खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं. साथ ही, शोध से पता चला है कि इनमें मौजूद कैल्शियम, आयरन और अमीनो एसिड स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करते हैं.
किसे इससे बचना चाहिए
हालांकि रागी ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इसका अधिक सेवन शरीर में ऑक्सालिक एसिड के स्तर को बढ़ा देता है. भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चने में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है, जिससे किडनी की पथरी का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, थायरॉइड की समस्या वाले लोगों का कहना है कि बहुत अधिक रागी खाने से ग्रंथि की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा, पाचन संबंधी समस्याओं, एलर्जी वाले लोगों और छोटे बच्चों को इसे देने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और सही खुराक लेनी चाहिए.