बिलाईगढ़ : छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में 10 जून हुई आगजनी और हिंसा के बाद नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद गुरुवार को बिलाईगढ़ के भटगांव पहुंचे। उनके पहुंचते ही भीम आर्मी और सतनामी समाज के पदाधिकारीयों ने ताली बजाकर उनका जोशीला स्वागत किया। जहां उन्होंने सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है।
इसी दौरान भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े के पिता जब अपने बेटे का दर्द बता कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि, वह निर्दोष है पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तब उनके आंसू पूछते हुए भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि, क्रांतिकारी नेताओं के पिता रोते नहीं हैं। मैं आपसे वादा करता हूं कि, आपके बेटे के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा। किसी के साथ भी आर्मी के अन्य पदाधिकारी जो बलौदा बाजार हिंसा और आगजनी कांड में जेल में बंद है। उनके परिजनों से एक-एक कर मुलाकात की और सभी को वादा किया कि, उनके बेटे के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
भीम आर्मी चीफ ने सीएम से मांगा जवाब
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से जवाब मांगा है। उन्होंने मंच से कहा कि, निर्दोषों को कब तक इस प्रकार से प्रसारित करते रहेंगे। अगर आप सच है तो सीबीआई जांच करवाइए दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। हमें जवाब चाहिए हमारे लोग जो बाबा गुरु घासीदास को मानने वाले हैं। शांति का प्रतीक है उन पर कार्यवाही क्यों किया जा रहा है। जब से अमर गुफा में को क्षतिग्रस्त किया है। तब से सतनामी समाज के द्वारा सिर्फ और सिर्फ न्याय की गुहार लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद आंदोलन करना पड़ा। उसे आंदोलन में सतनामी समाज की आड़ में सामाजिक तत्वों ने जो तोड़फोड़ किया है। वह निंदनीय है लेकिन जो सच में आरोपी है। उन पर कार्यवाही करें और निर्दोषों को बिना शर्त के रिहा करें।
मांग पूरी नहीं हुई तो करेंगे बड़ा आंदोलन
नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, मुझे 10 दिनों का समय दे दीजिए। मैं दिल्ली जाकर देश के गृह मंत्री से चर्चा करूंगा और निर्दोषों पर हुए कार्यवाही को लेकर उनकी रिहाई को मांग करूंगा। अगर सरकार निर्दोषों को रिहा नहीं करेगी तो इसी महीने में छत्तीसगढ़ में भीम आर्मी के द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भीम आर्मी चीफ ने आगे कहा कि, मैं स्वयं ही गांव- गांव जाकर प्रचार करूंगा। मेरे एक आवाज में यहां तीन से पांच हजार लोग उपस्थित हुए हैं तो सरकार समझ ले कि, मैं इसका छत्तीसगढ़ में रहकर प्रचार करूंगा तो कितने लोग छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ होकर आंदोलन करेंगे।