नई दिल्ली:- बारिश के मौसम में हरियाली के साथ ही सांपों के निकलने का खतरा बढ़ जाता है. बारिश होने से सांपों के बिलों में पानी भर जाने से वह सूथी व सुरक्षित स्थान की तलाश में घरों, दुकानों या फिर खेतों में पहुंच जाते हैं. सरकारी आकड़ों के मुताबिक देश में प्रतिवर्ष 30-40 लाख सांप के काटने के मामले आते हैं. इनमें से 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. सही जानकारी होने के साथ ही तुरंत कार्रवाई करने से मौतों के आंकड़ों पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है.
आइए, जानते हैं कुछ आसान टिप्स और ट्रिक्स जिससे सर्पदंश के बाद जान को बचाया जा सकता है.
सांप के दांतों के निशान से करें उसकी पहचान
सांप के काटने के बाद सबसे पहले दांतों के निशान को देखना चाहिए. बता दें कि जहरीले सांप के काटने से अमूमन दो गहरे पंचर निशान (फैंग मार्क्स) दिखते हैं, जो उनके विषैले दांतों की वजह से बनते हैं. वहीं बिना जहरीले सांपों के काटने में छोटे-छोटे निशान चाप के आकार में कई सारी पंक्तियों में दिखाई पड़ते हैं. उदाहरण के तौर पर भारतीय रैट स्नेक (धामन), जो गैर-जहरीला सांप है, इसके काटने से छोटे-छोटे दांतों के निशान बनते हैं, दूसरी तरफ कोबरा या करैत आदि जहरीले सांप के काटने में दो प्रमुख निशान दिखाई पड़ते हैं. जहरीले सांप काटने से दो नीले निशान आपको स्पष्ट दिखाई पड़ेंगे वहीं बिना जहरीले सांप के काटने पर ये निशान नहीं दिखाई पड़ते.
लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी
जहरीले सांप के काटने के लक्षण चंद मिनटों में दिखाई पड़ने लगते हैं. भारत में प्रमुख रूप से जहरीले सांप में कोबरा, करैत, रसेल्स वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर हैं, इनके काटने से अधिकांश लोगों की मौत हो जाती है.
कोबरा व करैत: इन सांपों के काटने के बाद पीड़ित की पलकों का भारी होना के अलावा धुंधला दिखना, सांस लेने में तकलीफ होना, लकवा और बेहोशी. करैत सांप के काटने में दर्द कम हो सकता है लेकिन इसके लक्षण गंभीर होते हैं.
हीमोटॉक्सिक विष (रसेल्स वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर): सांप काटने के स्थान पर तेज सूजन, खून का रिसाव होना, काले धब्बे और पेट दर्द होता है.
वहीं बिना जहरीले सांप के काटने पर दर्द और हल्की सूजन हो सकती है लेकिन इसमें गंभीर लक्षण नहीं दिखते हैं. यदि 15 से 30 मिनट में कोई गंभीर लक्षण ना दिखें तो माना जाता है कि संभवतः गैर-जहरीला सांप है. फिर भी, हर सांप के काटने को गंभीरता से लेते हुए तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.
पहला उपचार: क्या करें और क्या न करें
सांप के काटने के बाद तुरंत बाद ये उपाय अपनाएं
शांत रहें: घबराहट होने से विष तेजी से फैलता है. पीड़ित को स्थिर रखने के साथ ही हिलने-डुलने से रोकें.
काटे स्थान को नीचे रखें: यदि काटने का स्थान हाथ या पैर पर है, तो उसको दिल के नीचे रखें जिससे विष धीरे फैले.
आभूषण को हटा दें : सूजन बढ़ने से पहले चूड़ियां, अंगूठी या जूते आदि को हटा देना चाहिए.
घाव को तुरंत साफ करें: हल्के साबुन के साथ पानी से घाव को धोएं लेकिन इसे रगड़ना नहीं चाहिए.
अस्पताल जाएं: सांप काटने के तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाना चाहिए. जहां एंटी-स्नेक वेनम (एएसवी) उपलब्ध हो. भारत में पॉलीवैलेंट एएसवी कोबरा, करैत, रसेल्स वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर के लिए काफी प्रभावी है.
यह गलतियां नहीं करनी चाहिए
घाव को चूसने या फिर काटने अथवा गर्म करने की कोशिश ना करें.
कसकर बांधना (टॉर्निकेट) नहीं करें, इससे ऊतक डैमेज हो सकते हैं.
परंपरागत इलाज या तांत्रिकों पर भरोसा नहीं करें.