हाई रिस्क वाली पहाड़ी कोरबा, गर्भवती का संसाधन विहीन पीएचसी में हो रहा था इलाज, जच्चा बच्चा की मौत
कोरबा:- जिले के स्वास्थ्य महाकमें में एक बार फिर बड़ी चूक का मामला सामने आया है. वनांचल क्षेत्र भटगांव निवासी विशेष पिछड़ी जनजाति से आने पहाड़ी कोरवा महिला की उसके नवजात शिशु के साथ मौत हो गई है. अजगरबहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हाई रिस्क वाली गर्भवती की मौत इलाज के दौरान हुई है. इस महिला का पहले दो बार मिसकैरेज हो चुका था. 11 साल बाद महिला फिर से गर्भवती हुई. जिसके कारण ऐसी गर्भवती महिलाओं को हायर सेंटर मतलब, संसाधन संपन्न अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक की निगरानी में ही इलाज कराने के निर्देश थे. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. मृतका के पति का आरोप है डॉक्टर की गैरमौजूदगी में नर्स ने डिलीवरी कराई और परिवार की खुशियां गम में बदल गई.
अजगरबहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला की डिलीवरी :
घटना में मृत लगभग 30 वर्षीय मघही बाई भटगांव की निवासी थी. प्रसव पीड़ा के बाद, पति अमर सिंह पहाड़ी कोरवा रविवार की दोपहर लगभग 1 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अजगरबहार लेकर पहुंचे थे. जहां कुछ ही देर में प्रसव के बाद महिला और बच्चा दोनों की मौत हो गई.
पति का आरोप, अकेली नर्स ने किया इलाज :
मृतका के पति अमर सिंह पहाड़ी कोरवा का कहना है “अजगरबहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक अकेली नर्स मौजूद थी. बच्चा जब पैदा हुआ तब ठीक था. इसके बाद पत्नी को बोतल चढ़ाकर इंजेक्शन लगाया गया. उसकी स्थिति तब ठीक थी, पैदा होने के बाद बच्चे की मौत हो गई और इसके बाद कहा गया की पत्नी को कोरबा ले जाना पड़ेगा. रेफर करने की तैयारी कर रहे थे कि इसी बीच पत्नी की भी मौत हो गई. पत्नी 11 साल बाद गर्भवती हुई थी.”
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से पूरी रिपोर्ट मांगी :
इस मामले में सीएमएचओ डॉ एसएन केसरी ने बताया “30 वर्षीय पेशेंट जिसकी मौत हुई है. उसका तीसरा बच्चा था दो अबॉर्शन हो चुके थे. टर्म डिलीवरी थी. मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ था, जो स्टिल बर्थ कहलाता है. पैदा हुए बच्चे का वजन 1.4 किलोग्राम था. डिलीवरी की डेट 10 दिन बाद थी. समय से पहले प्रसव पीड़ा उठने पर गर्भवती को अस्पताल लाया गया था और जैसा कि मुझे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सूचना मिली है. आरएमएस का कहना है कि वह अस्पताल में मौजूद थी. गर्भवती महिला जिसकी मौत हुई है. पहले उसका बीपी चेक किया गया तब नॉर्मल था. बाद में बीपी बढ़ा, इसके बाद उसे झटके आने लगे और 108 एंबुलेंस से रेफर करने की तैयारी कर ही रहे थे कि उसकी मौत हो गई.
सीएमएचओ ने आगे बताया चूंकि महिला के दो बच्चे पहले खराब हो चुके थे. इसलिए वह हाई रिस्क वाली गर्भवती थी. ऐसे मामलों में स्पष्ट निर्देश हैं कि हायर सेंटर में विशेषज्ञ की निगरानी में इनका इलाज किया जाना चाहिए. लेकिन इस मामले में अचानक पेशेंट को अस्पताल लाया गया और रेफर करने का समय नहीं मिला. तुरंत डिलीवरी हो गई. ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है. जब किसी गर्भवती की मौत होती है. तब इसका रिव्यू किया जाता है. कई स्तर पर जांच होती है. जांच में लापरवाही पाई गई तो निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे.
वैधानिक कार्रवाई पूरी कर पोस्टमार्टम की औपचारिकताओ की कार्रवाई पूरी कर परिजनों को शव सौंपा गया. पहाड़ी कोरवा महिला 11 साल बाद गर्भवती हुई थी. जिससे परिवार में खुशी का माहौल था. लेकिन अब जच्चा–बच्चा की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है.