प्रयागराज। महाकुंभ मेला 26 फरवरी महाशिवरात्रि के स्नान के बाद संपन्न हो जाएगा। हालांकि, नागा साधु और कल्पवासी माघी पूर्णिमा के बाद मेला क्षेत्र को छोड़ चुके हैं। प्रयागराज महाकुंभ में अभी भी लोग बड़ी संख्या में स्नान को आ रहे हैं।
बीते रविवार को 1.18 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। वहीं, मंगलवार तक 55 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। प्रयागराज में आ रही भारी भीड़ को देखते हुए महाकुंभ मेला की तारीख बढ़ाए जाने की मांग की जाने लगी थी। अब इसे लेकर प्रयागराज के डीएम ने बड़ा बयान दिया है।
बढेगी कुंभ की तारीख?
प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र मंदर ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर फैल रही उन अफवाहों का खंडन किया, जिनमें महाकुंभ मेले के विस्तार को लेकर कहा गया था। उन्होंने इन अफवाहों को नकारते हुए स्पष्ट किया कि महाकुंभ का आयोजन धार्मिक “मुहूर्त” (शुभ समय) के अनुसार तय किया जाता है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता। उन्होंने बताया कि महाकुंभ 26 फरवरी को अपने निर्धारित समय पर समाप्त होगा।
सामने आई बड़ी जानकारी
रवींद्र मंदर ने कहा, ” उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रशासन सभी श्रद्धालुओं के लिए यात्रा और अन्य व्यवस्थाएं सुगम बना रहा है। सरकार या जिला प्रशासन की तरफ से मेले की तिथियां बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। श्रद्धालुओं को ऐसी झूठी सूचनाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के स्नान करने की व्यवस्था की गई है।
डीएम ने यह भी बताया कि प्रशासन प्रयागराज में श्रद्धालुओं और सामान्य जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए यातायात प्रबंधन पर ध्यान दे रहा है। रेलवे स्टेशन बंद होने की अफवाहों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना पूर्व सूचना के किसी भी रेलवे स्टेशन को बंद नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, “दारागंज में प्रयाग संगम स्टेशन को व्यस्त दिनों में बंद किया जाता है, क्योंकि यह मेला स्थल के पास है। यह भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। बाकी सभी स्टेशन पूरी तरह से चालू हैं और यात्री अपनी यात्रा सुगमता से कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि, महाकुंभ के कारण अब तक किसी भी छात्र की बोर्ड परीक्षा प्रभावित नहीं हुई है। हमने पहले ही छात्रों और अभिभावकों से परीक्षा केंद्रों पर समय से पहुंचने की सलाह दी थी और सभी ने इन निर्देशों का पालन किया है। इसके अलावा, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने उन छात्रों के लिए अतिरिक्त अवसर देने का निर्णय लिया है, जो किसी कारण से अपनी परीक्षा नहीं दे पाए।