जगदलपुर:- बस्तर जिले में आपराधिक मामले लगातार सामने आ रहें हैं और पुलिस को इसमें सफलता भी मिल रही है. 1 करोड़ से ज्यादा रुपए के सायबर फ्रॉड के मामले में पुलिस को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इस मामले से जुड़े 3 अन्य आरोपियों को भी मुम्बई से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन आरोपियों के पास से नकद रुपए, बड़ी मात्रा एटीएम कार्ड और कई मोबाइल फोन बरामद किया है.
बस्तर में ऐसे हुआ सायबर फ्रॉड:
जगदलपुर सीएसपी आकाश श्रीश्रीमाल ने सायबर फ्रॉड किस तरह अंजाम दिया गया इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया शहर के बोधघाट थाना क्षेत्र के तिरंगा चौक में रहने वाले अमलेश कुमार को 21 जनवरी को अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपने आप को एक्सिस बैंक का कस्टमर केयर बताकर अमलेश को लोन देने की बात कही. जिसके बाद अमलेश ने लोन लेने से मना करते हुए कॉल बंद कर दिया. इसके बाद उसी दिन शाम करीबन 4:18 बजे अचानक अमलेश के मोबाइल फोन पर ओटीपी आना शुरू हो गया. शाम करीबन 5:35 बजे अमलेश को उसके मोबाइल में उसके एक्सिस बैंक खाते से लगभग 500, 40000, 500 और 34000 रुपए किसी अन्य के बैंक खाते में ट्रांसफर होने का मैसेज आया. जिसके बाद अमलेश ने बैंक पहुंचकर इसकी जानकारी निकाली. बैंक से अमलेश को जानकारी मिली कि नेट बैंकिंग के माध्यम से उसके खाते में 733013 रुपए का लोन लिया गया है. जबकि अमलेश ने लोन के लिए कोई आवेदन नहीं किया था. इसके बाद अमलेश ने अपने बैंक खाते का स्टेटमेंट निकाला. जिसमें उसे पता चला कि किसी अज्ञात ने उसके मेल आईडी से छेड़छाड़ कर नेट बैंकिंग के माध्यम से 733013 लोन लेकर किसी अन्य के खाते में ट्रांसफर कर दिया है. जिसके बाद प्रार्थी ने तत्काल इस मामले को लेकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया.
सीएसपी ने आगे बताया रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस की एक टीम मामले की जांच में जुट गई. जांच के दौरान पुलिस की टीम ने विभिन्न बैंकों से जानकारी लेते हुए कुछ संदिग्ध लोगों की पहचान कर ली. इसके बाद पुलिस की टीम मुंबई और झारखंड के लिए रवाना हुई. जहां से पुलिस की टीम ने 3 संदिग्धों अब्दुल मजीद (45) निवासी झारखंड, कार्तिकेय राय उर्फ सत्यम (20) और संतोष कुमार (41) दोनों निवासी महाराष्ट्र को धर दबोचा था. इसके बाद पुलिस ने पकड़े गए संदिग्धों से कड़ाई से पूछताछ करना शुरू किया. कड़ी पूछताछ में तीनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एपीके फाइल के जरिये प्रार्थी के बैंक खाते से लिये गए रुपए को अपने परिचितों के नाम से खोले गए बैंक खातों में ट्रांसफर किया है. वहीं पुलिस ने आरोपियों के पास से मिले मोबाइल फोन और बैंक के कागजातों की जांच की. इस जांच में पुलिस ने आरोपियों द्वारा 116 से अधिक फर्जी बैंक खातों में 1 करोड़ 15 लाख रुपए का सायबर फ्रॉड करना पाया था.
आरोपियों के पास कई बैंकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड:
इसके साथ ही पुलिस ने आरोपियों के पास से मिले विभिन्न बैंक खातों में लगभग 1 करोड़ 13 लाख रुपए से ज्यादा रुपए होना बताया था. इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के पास मोबाइल फोन, 5 सिम कार्ड, 14 एटीएम/क्रेडिट/डेबिट कार्ड, 2 पेन कार्ड, 4 आधार कार्ड, 8 चेक बुक, 26 हजार 5 सौ रुपए नकद, 1 बॉयोमेट्रिक फिंगर प्रिंट स्कैनर (थम्ब मशीन), 1 एटीएम स्वैप मशीन और 3 पासबुक भी बरामद किया था.
इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच जारी रखी. इस जांच में पुलिस को इन सायबर ठगों के 3 और साथियों की मुम्बई में होने की जानकारी मिली. जिसके बाद पुलिस की टीम ने सायबर ठग के इस गिरोह के तीन और आरोपियों मो. इमरान अंसारी (36) निवासी झारखंड, अलीमुद्दीन अंसारी (33) निवासी झारखंड और राजकुमार गौतम उर्फ रिंकू (32) निवासी उत्तरप्रदेश को मुम्बई से गिरफ्तार कर लिया है. इन आरोपियों ने भी पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 50 से ज्यादा एटीएम कार्ड, लगभग 92 हजार रुपए कैश और 8 मोबाइल फोन भी बरामद किया है.सीएसपी ने बताया कि इस मामले में सभी आरोपियों के पास से अब तक कुल 13 मोबाइल फोन, 70 ATM कार्ड और 1 लाख 25 हजार रुपए नकद बरामद किया है. सभी आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार करके न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है.