नई दिल्ली :- कोरोना वायरस ने एक बार फिर दुनिया में अपनी मौजूदगी दर्ज करानी शुरू कर दी है. हालात पहले जितने गंभीर तो नहीं हैं, लेकिन कुछ देशों में अचानक से मामलों में आई तेजी ने चिंता जरूर बढ़ा दी है. दरअसल, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट निंबस की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. अमेरिका, सिंगापुर और हांगकांग के बाद अब भारत में भी कोरोना के नए वैरिएंट निंबस के मरीज मिले हैं. यानी ये नया वैरिएंट भारत पहुंच चुका है. अमेरिका में इस नए वैरिएंट ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है.
गले में कांटा चुभने जैसा दर्द
इस वैरिएंट के संक्रमण से गले में काफी दर्द होता है. कई पीड़ितों में यह काफी गंभीर होता है. ऐसा महसूस होता है जैसे गले में कुछ अटक गया है. जब से यह लक्षण सामने आया है, हर कोई डरने लगा है. हाल ही में भारत में भी इसी तरह के लक्षणों वाले पीड़ितों की पहचान की है. मीडिया खबरों के मुताबिक भारत में इस वैरिएंट के अब तक केवल दो मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से एक चेन्नई से और एक पुणे से. दोनों मामलों में लक्षण मध्यम स्तर के पाए गए हैं. पुणे स्थित ICMR के NIV ने जीनोम सीक्वेंसिंग में इसकी पुष्टि की है. ऐसे में जानें कि आखिर यह नया वैरिएंट क्या है? यह कैसे फैल रहा है? यह गले में ज्यादा दर्द क्यों पैदा कर रहा है? डिटेल में जानें….
मौजूदा स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है
भारतीय वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना की मौजूदा स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है. 2020 से अब तक कोरोना वायरस के कई वैरिएंट सामने आ चुके हैं, लेकिन भारतीयों की इम्यूनिटी के सामने वे कमजोर साबित हो रहे हैं. हालांकि, लोगों को खास तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है. इस नए वैरिएंट को लेकर सभी विशेषज्ञ पहले से ही सतर्क हैं. नए वैरिएंट क्यों सामने आ रहे हैं, इसका पता लगाने के लिए कई शोध किए जा रहे हैं. यह नया सब-वैरिएंट इस समय अमेरिका में कहर बरपा रहा है. इसे NB.1.8.1 नाम दिया गया है. बता दें, इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों में दिखने वाला मुख्य लक्षण गले में तेज दर्द है. मतलब, जब लोग इस वैरिएंट की चपेट में आते हैं तो उनका गला खराब हो जाता है और ऐसा लगता है जैसे ब्लेड से गला काटा जा रहा हो.
दरअसल, इस निंबस वैरिएंट की पहचान पिछले साल चीन में हुई थी. तब से विश्व स्वास्थ्य संगठन इस पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. हालांकि, इस बीच अमेरिका में भी इसका प्रकोप शुरू हो गया है. अमेरिका में दर्ज मामलों में से 37 फीसदी इसी वैरिएंट के हैं. दो सप्ताह के भीतर ही इसकी पहचान गंभीर के रूप में कर ली गई. बता दें, पिछले वैरिएंट के मुकाबले निंबस काफी तेजी से फैल रहा है. संक्रमित लोगों को सांस संबंधी दिक्कतें ज्यादा हो रही हैं.
नया कोविड वैरिएंट निम्बस के लक्षण क्या है
निम्बस वेरिएंट के सबसे चर्चित लक्षणों में से एक बहुत दर्दनाक गले में खराश है, जिसे अक्सर “रेजर ब्लेड थ्रोट” कहा जाता है. रिपोर्ट बताती है कि यह लक्षण पहले के वेरिएंट के लक्षणों से अधिक गंभीर प्रतीत होता है. अब तक प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, गले में खराश के लक्षण के अलावा कुछ अन्य लक्षण भी हैं. अन्य लक्षणों में शामिल हैं…
नाक बंद होना या नाक बहना
थकान
हल्की खांसी बुखार
मांसपेशियों या शरीर में दर्द
सिर दर्द दस्त मतली या उलटी
स्वाद या गंध की हानि
सांस लेने में कठिनाई
सूखी खांसी
चक्कर आना, दिन में नींद आना
बुखार
मांसपेशियों में दर्द
डायरिया
हालांकि.. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पर बयान दिया है. उसका कहना है कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है और कोविड के लिए फिलहाल उपलब्ध वैक्सीन से इस वेरिएंट को रोका जा सकता है.
निंबस वायरस क्या है
निंबस एक सब-वेरिएंट है जो ओमीक्रॉन वेरिएंट से निकला है. विशेषज्ञों ने पाया है कि वायरस कई म्यूटेशन से गुजर रहा है. यही वजह है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है. यह वायरस एंटीबॉडी वाले लोगों को भी संक्रमित कर रहा है. हालांकि, इस नए वेरिएंट पर अभी भी शोध किया जा रहा है. निंबस वेरिएंट ओमीक्रॉन से कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहा है. हालांकि, रिपोर्ट्स का कहना है कि यह वेरिएंट दूसरे वेरिएंट के मुकाबले तीन गुना ज्यादा असर दिखाने की क्षमता रखता है. इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह एंटीबॉडी को भी मात दे रहा है, जो चिंता बढ़ा रहा है.
सावधानी बरतनी जरूरी
चाहे आपको कोई भी वैरिएंट मिले, आपको सावधान रहना होगा. इसके लिए बाहर जाते समय मास्क पहनें. बार-बार हाथ धोते रहें. अगर आपको बहुत ज्यादा खांसी या जुकाम है, तो टेस्ट करवाना अच्छा रहेगा. इसके साथ ही आपको अपने खान-पान का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए. आपको बाहर का खाना कम खाना चाहिए. आपको गंदे माहौल में नहीं रहना चाहिए. आपको समय-समय पर अपने हाथों को सैनिटाइजर से साफ करना चाहिए.