किराए के भवनों से मिली निजात, जिले में 1546 आगनबाड़ी केंद्रों को मिला अपना स्वयं का भवन
कुल 1830 भवन निर्माण स्वीकृत, बाकी बचे भवन जल्द ही पूर्णता की ओर
बलौदाबाजार : लिलेश्वर निषाद : कलेक्टर रजत बंसल ने आज सँयुक्त जिला कार्यालय के सभागार में महिला बाल विकास एवं अन्य विभिन्न निर्माण एजेंसियों की बैठक लेकर बचे हुए आंगनबाड़ी के निर्माण कार्य मे तेजी लाने निर्देश दिए है। इसके लिए विशेष अभियान चलाने एवं जल जीवन मिशन से जोड़ते हुए शत प्रतिशत रनिंग वाटर उपलब्ध कराने के भी निर्देश कलेक्टर रजत बंसल ने दिए है। जिले में बच्चों के स्वास्थ्य सुपोषण एवं देखभाल के लिए आंगनबाड़ियां संचालित की जा रही है।
गौरतलब है कि आंगनबाड़ी के कई केंद्रो में स्वयं के भवन का अभाव था,साथ ही इन्हें अस्थाई रूप से अन्य भवनों में संचालित किया जा रहा था, जिससे महिला बाल विकास विभाग के कार्यकर्ताओ को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ता था। ऐसी स्थिति को देखते हुए कलेक्टर श्री रजत बंसल द्वारा जिले में भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों का चिन्हांकित कर स्वयं के भवन में मॉर्डन आंगनबाड़ी के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए थे। जिस पर त्वरित रूप से आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए अपूर्ण कार्यों को जल्द पूर्ण कराने के निर्देश दिए

आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति एक नजर
जिले में कुल 1965 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। सभी ब्लॉक में कुल 1830 भवनों की स्वीकृति मिली थी जिनमें से 1546 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जिसमें अभी वर्तमान में 1499 निर्मित स्वयं के भवनों में आंगनबाड़ी संचालित हो रही है। साथ ही 174 भवन अभी अप्रारंभ और 110 भवन निर्माणाधीन की स्थिती में है जिसे जल्द ही पूर्ण करने के निर्देश कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को दिए।
आंगनबाड़ी से हो रहे गर्भवती महिलाएं, बच्चें लाभान्वित
बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के लिए शासन लगातार कार्य कर रही है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है। जिले में आंगनबाड़ी भवन निर्माण से गांव के छोटे-छोटे बच्चे जिनका माता-पिता के बाद स्कूल ही दूसरा घर है उन्हें यहां अच्छी शिक्षा मिल रही।आंगनबाड़ी भवन में छोटे-छोटे नन्हे बाल गोपाल अपने शैक्षणिक जीवन की शुरुआत कर पाएंगे व आंगनबाड़ी भवन का निश्चित ही ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। गर्भवती महिलाओं को भी काफी लाभ मिलेगा। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना से संचालित सभी सेवाएं आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से मिलेगी।

उन्होंने कहा कि माताओं और बच्चों के बेहतर शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से योजनाएं संचालित की जा रही है। स्वास्थ्य परीक्षण सहित गर्भवती माताओं की देखरेख और काउंसलिंग कार्य आंगनबाड़ी के माध्यम से किया जाता है। सभी को जागरूक होकर इसका लाभ लेना चाहिए। और कुपोषण मुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आए है।