रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मकर संक्रांति के अवसर पर आज छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष 2025 के शासकीय कैलेंडर का विमोचन किया। इस कैलेंडर के कवर पेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की तस्वीरें हैं, और ‘सुशासन से समृद्धि की ओर’ का मूलमंत्र प्रदर्शित किया गया है। इस कैलेंडर के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है।
विमोचन कार्यक्रम में कृषि मंत्री राम विचार नेताम, लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, और मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर कहा, यह कैलेंडर हमारी शासन की प्राथमिकताओं और उपलब्धियों का प्रतीक है, और यह राज्य की योजनाओं के जरिए छत्तीसगढ़ को समृद्धि की दिशा में अग्रसर करेगा।
क्यूआर कोड से जुड़े नए फीचर्स-इस कैलेंडर की विशेषता क्यूआर कोड के नए फीचर्स हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं। कैलेंडर के प्रत्येक माह में एक क्यूआर कोड दिया गया है, जिसके जरिए उस महीने के विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री के वीडियो संदेश को सुना जा सकता है। इसके साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी मिलती रहेगी। प्रत्येक पेज में छत्तीसगढ़ से जुड़े प्रमुख तथ्यों को भी साझा किया गया है।
राज्य की योजनाओं की झलक-2025 के शासकीय कैलेंडर में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को प्रमुखता से दिखाया गया है। उदाहरण स्वरूप, जनवरी के महीने में छत्तीसगढ़ सरकार की श्री रामलला दर्शन योजना के तहत अयोध्या और काशी यात्रा कर लौटे श्रद्धालुओं की तस्वीर है। फरवरी में राजिम कुंभ की धरोहर को प्रदर्शित किया गया है, वहीं मार्च में महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों की तस्वीर है।
अप्रैल में तेंदूपत्ता संग्राहकों के जीवन में आए बदलाव को दिखाया गया है, जबकि मई में श्रमिकों के लिए शुरू की गई वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना को प्रदर्शित किया गया है। जून में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली बच्चों की तस्वीर दिखाई गई है, जबकि जुलाई में कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों की समृद्धि को दर्शाया गया है।
अगस्त में महिला सुरक्षा बलों के साथ मुख्यमंत्री की तस्वीर है, सितंबर में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत पक्के घर पा रहे हितग्राहियों की तस्वीर दिखाई गई है। अक्टूबर में बस्तर ओलंपिक और नवंबर में धान खरीदी महापर्व की तस्वीर है, और दिसंबर में नेल्ला नार योजना के तहत दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में विकास को प्रदर्शित किया गया है।