बिलासपुर : बिलासपुर एसएसपी पारूल माथुर का तबादला रायपुर हो गया हैं। लेकिन बिलासपुर पुलिस हैं कि एसएसपी की बिदाई से ठीक पहले ही खाकी के दामन पर गंभीर आरोप लगे हैं। बताया जा रहा हैं कि अवैध शराब बेचने का आरोप लगाते हुए पुलिस एक घर में घुस गयी, और सब इंस्पेक्टर और आरक्षक ने जमकर हंगामा मचाया। जिस घर में पुलिस टीम ने रेड की कार्रवाई की, वहां लड़की की सगाई का कार्यक्रम चल रहा था। आरोप है कि पुलिसवालों ने महिलाओं के साथ बदसलूकी करने के साथ ही मारपीट भी की।
घटना की शिकायत आई.जी. के पास पहुंचने के बाद एसएसपी पारूल माथुर ने मामले की जांच का आदेश दिया हैं। गौरतलब हैं कि न्यायधानी बिलासपुर में कानून व्यवस्था पर हमेशा से ही सवाल उठता रहा हैं। एसएसपी पारूल माथुर की लाख सख्ती के बाद भी जहां पुलिस अधिकारियों पर कई बार गंभीर आरोप लगे, वही अपराधियों के बुलंद हौसले के सामने पुलिस की कार्रवाई कई बार नाकाम साबित हुई। यहीं वजह हैं कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची में बिलासपुर एसएसपी पारूल माथुर का भी तबादला किया गया।
एसएसपी पारूल माथुर बिलासपुर से विदा होती उससे पहले ही एक बार फिर बिलासपुर पुलिस पर घर में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी और मारपीट किये जाने का गंभीर आरोप लग गया हैं। जानकारी के मुताबिक कोटा थाना क्षेत्र के ग्राम बिल्लीबंद निवासी सुरेश लहरे की बेटी का रविवार को घर पर सगाई का कार्यक्रम था। तखतपुर क्षेत्र से लड़के पक्ष के लोग सगाई के लिए गांव पहुंचे थे। रात करीब 8ः30 बजे दोनों पक्ष सगाई की रस्म अदायगी करने वाले थे। तभी कोटा थाने में तैनात एसआई सिदार दो आरक्षकों के साथ सुरेश लहरे के घर पर शराब होने की सूचना पर छापामार कार्रवाई करने पहुंचे।
घर में अवैध शराब रखने और बेचने का आरोप लगाते हुए पुलिस तलाशी लेने लगी। पुलिसकर्मियों की हरकतों को देखकर जब घर के लोगों ने विरोध किया, तब एसआई और आरक्षकों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। इधर पुलिस के इस रवैए से नाराज ग्रामीणों घर के पास इकट्ठे होने लगे। वहीं भीड़ देखकर पुलिसकर्मियों ने थाने से अतिरिक्त बल बुला लिया और परिवारवालों को धमकाने लगे। इस घटना के बाद परिवारवालों ने थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा के साथ ही पुलिस अफसरों से शिकायत की गयी।
लेकिन पुलिस अधकारियों ने उल्टा सुरेश लहरे और उसके परिवारवालों को ही दोषी बताया गया। जिस युवती की सगाई होने वाली थी, उसने बताया कि वह पुलिसवालों का मोबाइल से वीडियो बना रही थी। इसे देखकर पुलिसकर्मियों ने उसका मोबाइल लूट लिया और उसका बाल पकड़कर उसके साथ बदसलूकी किया गया। सोमवार को सुरेश लहरे परिवार वालों के साथ आईजी ऑफिस पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करायी। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद एसएसपी पारूल माथुर ने मामले की जांच के लिए एएसपी ग्रामीण राहुल देव शर्मा को नियुक्त कर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। बताया जा रहा हैं कि मामले की शिकायत आई.जी.स्तर के अधिकारियों से होने के बाद कोटा थाना प्रभारी पुलिसकर्मियों के बचाव में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम बिल्लीबंद निवासी सुरेश लहरे के साप्ताहिक बाजार में भारी मात्रा में महुआ शराब बेचने की सूचना मिली थी। वह अपने दुकान में महुआ शराब को छिपा कर रखा था। इस पर एसआई सिदार के नेतृत्व में टीम गांव गई थी।
पुलिस का कहना हैं कि पुलिस के पहुंचते ही घर की महिलाओं ने शराब को नष्ट करना शुरू कर दिया। पुलिस के रोकने पर महिलाओं ने विवाद शुरू कर दिया। थाना प्रभारी ने बताया हैं कि सुरेश के खिलाफ पहले भी आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। खैर इस घटना के खुलासे के बाद जहां पीड़ित परिवार पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा हैं, वही थाना प्रभारी अपनी ही दलील दे रहे हैं। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि जांच अधिकारी एएसपी राहुल देव की रिपोर्ट में क्या आता हैं, और किस पर कार्रवाई की गाज गिरती हैं, ये तो आने वाला समय ही बतायेगा।