हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 16 जून से नहीं चलेंगी ओला-उबर और रैपिडो बाइक टैक्सियां
नई दिल्ली :- हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए ओला, उबर और रैपिडो जैसी ऐप आधारित बाइक टैक्सी सेवाओं पर 16 जून 2025 से पूरे राज्य में रोक लगाने का आदेश दिया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत बाइक टैक्सी संचालन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं बनाती, तब तक ऐसी सेवाओं की अनुमति नहीं दी जा सकती.यह आदेश सीधे तौर पर बेंगलुरु सहित राज्य के अन्य शहरी क्षेत्रों में दैनिक यात्रियों और ड्राइवरों को प्रभावित करेगा. एक ओर जहां लाखों लोग इन सेवाओं का उपयोग तेज और किफायती यात्रा के लिए करते हैं, वहीं दूसरी ओर ड्राइवरों के लिए यह निर्णय रोजगार पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है.
मामला क्या है
यह मामला ओला की पेरेंट कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज, उबर इंडिया और रैपिडो द्वारा दायर की गई याचिकाओं से जुड़ा है. इन कंपनियों ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि बाइक टैक्सी सेवाओं को वैध घोषित किया जाए और पीली नंबर प्लेट वाले दोपहिया वाहनों को परिवहन श्रेणी में पंजीकृत करने की अनुमति दी जाए.हालांकि, कर्नाटक कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि “बिना स्पष्ट नीति और नियमों के, इन सेवाओं को वैध नहीं माना जा सकता.
कोर्ट ने क्या कहा
न्यायमूर्ति बी.एम. श्याम प्रसाद की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा: “जब तक सरकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत ठोस दिशानिर्देश लागू नहीं करती, तब तक राज्य में बाइक टैक्सी सेवाओं को अनुमति नहीं दी जा सकती.साथ ही, कर्नाटक कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर नियमन तैयार करने का निर्देश भी दिया है. इस अवधि के दौरान राज्य में कोई भी ऐप आधारित बाइक टैक्सी सेवा संचालित नहीं की जा सकेगी.