भोपाल। राजधानी भोपाल सेंट्रल इंडिया का राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब बनेगा। क्योंकि, भोपाल के आसपास 500 किलोमीटर रेडियस में लॉजिस्टिक हब के लिए खुली भूमि उपलब्ध है। सरकार इस जमीन का इस्तेमाल अलग-अलग किस्म के उद्योग और इंडस्ट्री व्यापार के लॉजिस्टिक हब बनाने पर विचार कर रही है। क्रेडाई के साथ हुई बैठक में मुय सचिव अनुराग जैन ने इस मामले में प्रस्ताव बनाकर देने को कहा है। दीपावली के बाद सरकार इस प्रस्ताव की ब्रांडिंग राष्ट्रीय स्तर पर करेगी ताकि निजी उद्योग समूह भोपाल की तरफ आकर्षित हो सकें। प्रस्ताव में लॉजिस्टिक हब को सफल बनाने के लिए बेहतर एयर कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्टेशन के आधुनिक संसाधन विकसित करने की बात भी कही गई है। सरकार का मानना है कि भोपाल में तेजी से बढ़ते प्रॉपर्टी बाजार और अन्य संभावनाओं के बीच लॉजिस्टिक हब प्रोजेक्ट सफल रहेगा|
इन मुद्दों पर भी चर्चा
मुय सचिव से बैठक में रेरा के मुद्दों, परियोजनाओं में कठिनाइयों, शहरों के मास्टर प्लान में देरी, अवैध कॉलोनियों के कारोबार पर अंकुश लगाने, भोपाल की विशेषताओं की विश्व स्तरीय ब्रांडिंग आदि पर चर्चा हुई।
भोपाल में निवेश फायदे का सौदा
भूपाल से भोजपाल और फिर भोपाल शहर सदियों से अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। मध्य भारत के लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित होने की यहां पर्याप्त संभावनाएं हैं। यहां की आबो-हवा, अन्य शहरों के मुकाबले कम प्रदूषण, पर्याप्त पेयजल और भरपूर हरियाली के चलते यह स्थानीय के अलावा बाहरी लोगों का पसंदीदा शहर है
प्रॉपर्टी की पूछपरख बढ़ी
लॉजिस्टिक हब की संभावनाओं के बीच शहर के प्रापर्टी बाजार में छाई सुस्ती तेजी से दूर हो रही है। फाइनेंस संस्थाओं में प्रॉपटी खरीद की पूछपरख बढ़ी है। राजधानी ने अपनी सकारात्मक ब्रांडिंग भी शुरू की है। 1017 स्क्वायर किलोमीटर निवेश क्षेत्र में फैली राजधानी देश के बड़े क्षेत्रफल की राजधानियों में से एक है। यहां न केवल स्थानीय बल्कि दिशावरी लोग भी बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं।