मंगलुरु: – कर्नाटक के मंगलुरु में एक 50 साल का शख्स पिछले छह महीने से सांस लेने की समस्या से पीड़ित था. शुरू में इलाज के दौरान मालूम हुआ कि वह अस्थमा से पीड़ित है. बीमारी का असली जड़ मिल नहीं रहा था और शख्स काफी तकलीफ में था. आखिरकार रोगी का मंगलुरु के केएमसी अस्पताल में सफलतापूर्वक इलाज किया गया है.
डॉक्टरों ने असली बीमारी का पता लगाया
डॉक्टरों ने शख्स के बीमारी का असली कारण पता लगा लिया. डॉक्टरों ने बताया कि, दरअसल शख्स की सांस नली में मूंगफली का टुकड़ा फंस गया था. यह फंसा हुआ टुकड़ा उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता था.
क्या रोगी अस्थमा से पीड़ित था
अस्थमा और ब्रोन्कियल डायलेशन थेरेपी का इलाज और कई उपचारों से गुजरने के बाद भी रोगी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. इलाज के दौरान रोगी में अस्थमा या एलर्जी के कोई लक्षण नहीं दिखे. ऐसी बीमारी सांस लेने संबंधी कठिनाइयों से जुड़ा हुआ होता है.
केएमसी अस्पताल में सफलतापूर्वक इलाज
अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ. विशाख आचार्य, वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट डॉ. सुनील बीवी., पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. उदय, एनेस्थेटिस्ट डॉ. फ्रेडा और ब्रोंकोस्कोपी सहायक मैग्डालिना पैस, मल्लेश पी., सुमित्रा, रीमा डिसूजा और समन्वयक सायरा डिसूजा ने रोगी की आगे की जांच की. मूल कारण की पहचान करने और उसे हल करने में उनका सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण साबित हुआ.
रोगी ने डॉक्टरों को बताया कि, उसने कुछ महीने पहले मूंगफली खाई थी
डॉक्टरों ने रोगी से काफी पूछताछ की. रोगी ने बताया कि, उसने कुछ महीने पहले मुंगफली खाई थी, जिसके बाद उसे परेशानी हुई. हालांकि, पानी पीने के बाद उस समय उसे कुछ बेहतर महसूस हुआ था. बाद में धीरे-धीरे सांस लेने में तकलीफ होने लगी. उसके बाद रोगी की छाती का एक्स-रे करवाया गया. मालूम हुआ कि, रोगी के दाहिने डायाफ्राम के पास सूजन है, जो वायुप्रवाह अवरोध का संकेत था.
उसके बाद डॉक्टरों की टीम ने कॉन्शियस सेडेशन प्रोसिड्योर के दौरान फोरसेप्स (एक प्रकार का चिमटा) का उपयोग करके मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया और फंसी हुई मूंगफली का टुकड़ा शरीर के अंदर से बाहर निकाला. मूंगफली को सफलतापूर्वक हटाने के बाद, रोगी अब पूरी तरह से ठीक हो गया है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.