जशपुर:- एकलव्य खेल अकादमी पर ताला लटकने की आशंका से सशंकित युवा खिलाड़ियों और अभिभावकों ने कलेक्टर रोहित व्यास से बात की. परिजनों और खिलाड़ियों ने इसका संचालन जारी रखने की मांग कलेक्टर से की है. आपको बता दें कि शासन की ओर से युवा पहाड़ी कोरवा और आदिवासी खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए तीन साल पहले इसे शुरू किया गया था. बड़ी संख्या में युवा एकलव्य खेल अकादमी में आकर अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं.
एकलव्य अकादमी: रणजीता स्टेडियम में संचालित होने वाले एकलव्य अकादमी में तीरंदाजी, तैराकी और ताईक्वांडों का प्रशिक्षण खिलाड़ियों को दिया जाता है. इस अकादमी के लिए फंड की व्यवस्था खनिज न्यास निधि यानि डीएमएफ से की जाती है. अकादमी और छात्रावास के संचालन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में संचालन समिति का गठन किया गया है.
खनिज न्यास निधि से मिलता है बजट: इस समिति में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त और व्यायाम शिक्षक प्रदीप चौरसिया हैं. 30 सीटर इस आवासीय अकादमी में तीरंदाजी, ताईक्वांडो और तैराकी के लिए दस दस सीट व्यवस्था की गई. खिलाड़ियों के लिए फंड की व्यवस्था डीएमएफ के जरिए की जाती है.
पहाड़ी कोरवा होते हैं तैराकी और तीरंदाजी में माहिर: तीरंदाजी और तैराकी में जिले में रहने वाले आदिवासी और पहाड़ी कोरवाओं को माहिर माना जाता है. प्रशासन का लक्ष्य इनकी इसी प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए साध कर गोल्ड मेडल पर निशाना लगाना है. इसके लिए तीन प्रशिक्षकों की नियुक्ति भी की गई. ग्रीष्मकालिन छुट्टी से जैसे ही इस अकादमी के खिलाड़ी वापस छात्रावास पहुंचे, उन्हें बोरिया बिस्तर बांध कर दूसरे छात्रावास में शिफ्ट करने का फरमान सुना दिया गया. अधिकारियों के इस तुगलकी फरमान से अपने अपने खेलों में रम चुके खिलाड़ियों को बड़ा झटका लगा. खिलाड़ी अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित हो गए.
जशपुर पहुंचे खिलाड़ी और अभिभावक: खिलाड़ियों की सूचना पर उनके अभिभावक भी जशपुर पहुंचे. यहां परिजनों ने कलेक्टर रोहित व्यास से मुलाकात कर अकादमी का संचालन जारी रखने का अनुरोध किया. वहीं अधिकारियों का दावा है कि रणजीता स्टेडियम में संचालित छात्रावास भवन को मरम्मत और रंग-रोगन के लिए खाली कराया गया है. जिला खेल अधिकारी समीर बाड़ा ने बताया कि प्रशासन का लक्ष्य खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा के साथ खेल का प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है. छात्रावास के रिपेयरिंग के लिए खाली कराया गया है. रिपेयरिंग के बाद इसे फिर से शुरू किया जाएगा.
प्रशासन ने कही मरम्मत की बात: कलेक्टर से मिलने पहुंचे खिलाड़ियों के अभिभावकों का कहना है कि छात्रावास भवन का हाल ही में रंग रोगन कराया गया है. अगर प्रशासन इसकी मरम्मत कराना चाहता था तो पूरे ग्रीष्मकालिन अवकाश तक जिम्मेदार अधिकारी हाथ में हाथ धर कर क्यों बैठे रहे? वहीं खिलाड़ियों का कहना है कि जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरीय की खेल प्रतियोगिताएं आगामी कुछ दिनों में शुरू होने वाली हैं. छात्रावास से बाहर कर दिये जाने से उनका प्रशिक्षण और अभ्यास अधर में लटक गया है. ऐसे में वे कैसे इन खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर मेडल जीत पाएंगे. साल 2021-22 में स्थापित किए गए एकलव्य एकादमी का चार साल का सफर उपलब्धियों से भरा रहा है.
अकादमी से निकले कई होनहार खिलाड़ी: युवा खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर जिले मे राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतियोगिताओं में 17 गोल्ड मेडल प्राप्त कर स्वर्णिम आभा बिखेरी है. इसके साथ ही तीरंदाजी में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 4 गोल्ड, 6 सिल्वर और 18 कांस्य पदक जीते. तैराकी में 3 गोल्ड, 6 सिल्वर और 18 कांस्य पदक जीते. ताईक्वांडो में 13 गोल्ड, 2 सिल्वर और 3 कांस्य पदक प्राप्त कर चुके हैं. इन खिलाड़ियों मेंआदिवासी और पहाड़ी कोरवा समुदाय के युवा खिलाड़ी भी शामिल हैं.