नई दिल्ली:- डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. कुछ भी गलत खाने से आपका ब्लड शुगर बहुत तेजी से बढ़ सकता है, जिससे कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए, मधुमेह से पीड़ित लोग हमेशा इस सोच में रहते हैं कि क्या खाएं और क्या नहीं. ऐसे में शुगर और ब्लड शुगर के मरीजों के लिए कौन सी दालें अच्छी हैं? इस लाइलाज बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह जानना जरूरी है. डायबिटीज होने पर कई लोग टेंशन में आ जाते हैं. वे कुछ भी खाने से डरते हैं. कुछ लोग चावल छोड़कर दिन में दो बार चपाती खाते हैं.
डायबिटीज के मरीजों के लिए कौन सी दालें सबसे अच्छी होती हैं? कौन सी दालें ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखती हैं? हम भारतीय दालें खाने के बहुत शौकीन होते हैं. इसे लेकर भी लोगों के मन में कई सवाल होते हैं. दालें भारतीय खाने का एक अहम हिस्सा हैं और लगभग रोज बनती हैं. लोगों के मन में सबसे आम सवालों में से एक है कि डायबिटीज के मरीजों को कौन सी दालें खानी चाहिए? ऐसे में आज इस खबर के माध्यम से जानें जवाब…
डायबिटीज के मरीज इन बातों का रखें ध्यान
डायबिटीज चुपचाप शरीर में प्रवेश करता है और जीवन भर रहता है. एक बार यह बीमारी हो जाने पर इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होता है. अब देश में कई लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. 30 साल से कम उम्र के लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छा इलाज पौष्टिक आहार लेना और शुगर को नियंत्रण में रखना है. विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज (शुगर) से पीड़ित लोगों को फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ लेने चाहिए. उनके लिए बीन्स, नट्स, बीज, मछली, चिकन और अंडे खाने की सलाह दी जाती है. काला गेहूं, जौ, जई, क्विनोआ, रागी जैसे अनाज खाने की सलाह दी जाती है. यह भी कहा जाता है कि आहार में पालक और सलाद को शामिल करना अच्छा होता है. इसके साथ ही विशेषज्ञों का सुझाव है कि डायबिटीज के रोगियों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली दालें खानी चाहिए.
कौन सी दाल बेहतर है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, चने की दाल को आमतौर पर डायबिटीज रोगियों के लिए एक अच्छा भोजन माना जाता है. इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. चने की दाल फाइबर से भरपूर होता है, यह फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल में तेजी से वृद्धि नहीं होती है. यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. प्रोटीन तृप्ति में मदद करता है और ब्लड शुगर लेवल के बेहतर कंट्रोल में भी योगदान दे सकता है. चने की दाल का GI कम होता है, जिसका अर्थ है कि इसे खाने के बाद ब्लड शुगर में तेज वृद्धि नहीं होती है. यह आयरन, फोलेट और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है.
चने की दाल के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए इसकी मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है. चने की दाल को डीप फ्राई करके न खाएं, बल्कि इसे उबालकर, भाप में पकाकर या सूप और सलाद में डालकर खाने से इसके स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं.