कोरबा:- ऊर्जाधानी के रजगामार रोड स्थित रिसदी में संचालित श्वेता नर्सिंग होम में प्रसूता की मौत के मामले में परिजनों और सामाजिक संगठनों ने शनिवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया.अस्पताल के सामने मुख्य सड़क को घंटों तक जाम रखा गया.चिकित्सक का पुतला भी फूंका गया.मौके पर पुलिस और प्रशासन के साथ ही बड़ी मात्रा में मृतिका के परिजन और सामाजिक संगठन और आम लोग मौजूद रहे.परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही की वजह से प्रसूता की मौत हुई थी.इसलिए सरकारी डॉक्टर होने के बावजूद निजी नर्सिंग होम का संचालन करने वाली डॉक्टर मानियारो कुजूर को तत्काल निलंबित किया जाए. अस्पताल का लाइसेंस परमानेंट तौर पर कैंसिल किया जाए.
क्या है पूरी घटना:
गांव गोढ़ी निवासी रणजीत सिंह की पत्नी अंजलि सिंह 9 माह से गर्भवती थी.जिनका इलाज रिस्दी स्थित श्वेता हॉस्पिटल में चल रहा था.1 जून को अंजलि सिंह को प्रसव पीड़ा हुई और दोपहर के समय ऑपरेशन के दौरान उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया.इसके बाद अंजलि सिंह की तबीयत खराब होते चली गई.तबीयत अत्यधिक खराब होने के कारण सुबह न्यू कोरबा हॉस्पिटल रेफर किया गया.जहां इलाज के दौरान रात के समय अंजलि सिंह की मृत्यु हो गई.
मृतिका के परिजनों का अस्पताल पर आरोप:
मृतिका के घर वालों का कहना है कि इलाज में लापरवाही के कारण अंजलि सिंह की मृत्यु हो गई. श्वेता हॉस्पिटल के डॉ. मानियारो कुजुर के द्वारा लापरवाही पूर्वक इलाज किया गया. जिससे नवजात शिशु के सर से मां का साया उठ गया. मृतिका अंजलि के पति रणजीत सिंह का कहना है कि सबसे पहले 5 मई को मुझे डॉक्टर मनियारो ने बताया कि बच्चे के गले में नाल फांसी हुई है.ऑपरेशन के बाद ही बच्चे का जन्म होगा.डॉक्टर के बताए अनुसार हम ठीक समय पर अस्पताल पहुंच गए थे. पत्नी ने बेटे को जन्म दिया, लेकिन इसके बाद उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई.
कोरबा के लोगों में गुस्सा:
गांव गोढ़ी के ग्रामीण और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ आंदोलन कर रहे पूर्व जनपद सदस्य आशीष ने कहा कि अस्पतालों की मनमानी चरण पर पहुंच चुकी है. प्रसूता की मौत के लिए पूरी तरह से डॉ मनियारो कुजूर जिम्मेदार है.उनकी लापरवाही की वजह से ही एक महिला की जान चली गई. इसके लिए हम यह आंदोलन कर रहे हैं. खानापूर्ति करने के लिए आंदोलन के पहले अस्पताल का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित किया गया है. लेकिन हम चाहते हैं कि परमानेंट तौर पर अस्पताल को बंद कर दिया जाए.
कलेक्टर ने बनाई थी जांच टीम :
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा प्रकरण की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया है.जांच दल को कहा गया है कि पहलुओं पर तथ्यपरक जांच करते हुए अपना स्पष्ट अभिमत सहित 07 दिवस में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें. इस दल में डॉ सीके सिंह, जिला परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉक्टर प्रीतेश मसीह, विशेषज्ञ मेडिसिन, स्व.बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, डॉ आदित्य सिसोदिया, स्त्री रोग विशेषज्ञ, एसोसिएट प्रोफेसर, स्व.बिसाहूदास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय और डॉ अतीक सिद्धीकी, नोडल अधिकारी,नर्सिग होम एक्ट स्थानीय कार्यालय कोरबा शामिल हैं.