रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के सर्वांगीण विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन निर्णयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों को राहत, औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार व प्रशिक्षण के नए अवसरों का विस्तार जैसे कई बड़े कदम शामिल हैं। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शासकीय विद्यालयों में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू करने का निर्णय लिया है।
Cabinet Meeting : इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, पालक-शिक्षक सहभागिता को बढ़ावा देना और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को बेहतर बनाना है। इसके अंतर्गत विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग की जाएगी, कमजोर विद्यालयों की नियमित मॉनीटरिंग की जाएगी और मॉडल विद्यालयों के भ्रमण के माध्यम से शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही पालक-शिक्षक बैठकों के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे शिक्षा प्रणाली में भरोसा और सहयोग बढ़ेगा। सांस्कृतिक और साहित्यिक क्षेत्र में काम कर रहे जरूरतमंद कलाकारों और साहित्यकारों को बड़ी राहत देते हुए उनकी मासिक वित्तीय सहायता राशि को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है। यह योजना वर्ष 1986 से चल रही है, लेकिन पिछले 12 वर्षों से इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई थी।
Cabinet Meeting : अब इस संशोधन से लाभान्वित कलाकारों को सालाना 60,000 रुपये की सहायता मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वर्तमान में राज्य के 162 कलाकार इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं, और इस निर्णय से राज्य पर सालाना 58.32 लाख रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए मंत्रिपरिषद ने ‘छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015’ में संशोधन को मंजूरी दी है। यह संशोधन औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सरल और निवेशकों के लिए अनुकूल बनाएगा। इससे राज्य में औद्योगिक निवेश को नई दिशा मिलेगी।
Cabinet Meeting : साथ ही, कैबिनेट ने राज्य की औद्योगिक नीति 2024-30 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को स्वीकृति दी है। इन संशोधनों के तहत राज्य में रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिन कंपनियों में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। हाईटेक खेती जैसे हाइड्रोपोनिक और ऐयरोपोनिक तकनीकों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि किसान उन्नत कृषि तकनीकों का लाभ उठा सकें। युवाओं को खेल और प्रशिक्षण के बेहतर अवसर देने के लिए खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षण संस्थानों को समर्थन प्रदान किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में होटल और रिसॉर्ट के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा को घटाया गया है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
Cabinet Meeting : टेक्सटाइल उद्योग में निवेश करने वालों को 200% तक प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे स्थानीय बुनकर, सिलाई-कढ़ाई और अन्य पारंपरिक कार्यों में लगे लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही राज्य को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाने की भी घोषणा की गई है। दिव्यांगजनों को भी इस नीति में विशेष स्थान दिया गया है। उनकी परिभाषा का विस्तार कर उन्हें और अधिक योजनाओं का लाभ दिलाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा रक्षा, एयरोस्पेस और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर जैसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। राज्य में ‘प्लग एंड प्ले फैक्ट्री’ निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे उद्यमियों को बिना किसी अड़चन के उद्योग स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
Cabinet Meeting : राज्य के नगरीय क्षेत्रों और सीमावर्ती ब्लॉकों में निजी सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल और मिनी मॉल को थ्रस्ट सेक्टर में शामिल कर इन क्षेत्रों में शिक्षा और व्यापार को प्रोत्साहन देने की योजना भी इस बैठक में तय की गई। कुल मिलाकर, कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए निर्णय छत्तीसगढ़ को शिक्षा, उद्योग, संस्कृति और युवाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले साबित होंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता जनता के हित और समग्र विकास है।