रायपुर। चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ इस वर्ष 30 मार्च यानि आज से शुरू हो रहा है। यह नौ दिवसीय पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। इस दौरान भक्त मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना करते हैं। छत्तीसगढ़ में यह पर्व विशेष भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यहां के कई प्राचीन देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। तो आइए जानते हैं इन मंदिरों के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के बारे में।

1. मां बमलेश्वरी मंदिर (डोंगरगढ़, राजनांदगांव)-
राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में स्थित मां बमलेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर 1600 फीट ऊंचे पहाड़ पर स्थित है और यहां पहुंचने के लिए 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह 2200 साल पुराना मंदिर है, जहां नवरात्रि के दौरान विशाल मेला लगता है।

2. दंतेश्वरी माता मंदिर (दंतेवाड़ा)-
बस्तर क्षेत्र में स्थित दंतेश्वरी माता मंदिर को 52 शक्तिपीठों में गिना जाता है। यह बस्तर राज परिवार की कुल देवी का मंदिर है और यहां बस्तर दशहरा के दौरान भव्य पूजा-अर्चना की जाती है।

3. महामाया मंदिर (रतनपुर, बिलासपुर)-
बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित महामाया मंदिर 12वीं-13वीं सदी में कलचुरी राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा बनवाया गया था। मान्यता है कि यहां देवी सती का दाहिना स्कंध गिरा था, जिससे यह स्थान शक्तिपीठ बना।

4. चंद्रहासिनी माता मंदिर (सक्ति, डभरा)-
यह मंदिर देवी की चंद्रमा जैसी आकृति के कारण प्रसिद्ध है। नवरात्रि के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और विशेष पूजा-अर्चना होती है।

5. खल्लारी माता मंदिर (महासमुंद)-
महासमुंद जिले के खल्लारी गांव में स्थित यह मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि भीम और राक्षस हिडिंब के युद्ध का संबंध इस स्थान से है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 850 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

6. चंडी माता मंदिर (महासमुंद, बागबाहरा)-
यह मंदिर अपने अनूठे भालू आरती दर्शन के लिए प्रसिद्ध है। हर नवरात्रि में यहां मेला आयोजित होता है, जहां श्रद्धालुओं के साथ भालू भी माता की आरती में शामिल होते हैं।

7. माता अंगारमोती (धमतरी)-
धमतरी में माता अंगारमोती के दो प्रमुख मंदिर हैं, एक गंगरेल में और दूसरा सीताकुंड, रुद्री रोड पर। यहां माता का धड़ तालाब से प्रकट हुआ था, जिसे मछुआरों ने पहले साधारण पत्थर समझा था। बाद में माता के आदेशानुसार इसे प्रतिष्ठित किया गया।

8. बंजारी माता मंदिर (रायगढ़)-
रायगढ़ जिले में स्थित बंजारी माता मंदिर स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक आस्था का केंद्र है। यह मंदिर धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है।

9. मड़वारानी मंदिर (कोरबा)-
यह मंदिर कोरबा-चाम्पा रोड पर स्थित है। मान्यता है कि यहां माता स्वयं प्रकट हुई थीं। नवरात्रि के दौरान यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
नवरात्रि में इन देवी मंदिरों के दर्शन का महत्व-
छत्तीसगढ़ के ये प्रसिद्ध देवी मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। नवरात्रि के अवसर पर यहां दर्शन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अगर आप भी नवरात्रि के पावन अवसर पर देवी दर्शन करना चाहते हैं, तो इन मंदिरों की यात्रा आपके लिए एक अध्यात्मिक और दिव्य अनुभव साबित हो सकती है।