दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार (7 फरवरी) को नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दे दी। इसे 11 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इससे टैक्सेशन सिस्टम में बड़ा सुधार आएगा। इनकम टैक्स को सरल और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद बताया। वहीं, विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ अमीरों को राहत देने वाला बिल है। कांग्रेस ने कहा कि यह राज्यों के साथ अन्याय है। टीएमसी ने कहा कि यह बिल जनविरोधी है। हमारी पार्टी इसके खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेगी।
टैक्स सिस्टम में होगा बड़ा बदलाव
नए इनकम टैक्स बिल को डायरेक्ट टैक्स सिस्टम के तहत देखा जा रहा है। इसका मकसद मौजूदा टैक्स सिस्टम को सरल बनाना है। सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और टैक्स चोरी पर लगाम लगेगा।
इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बिल से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा, ताकि आम नागरिक बिना किसी परेशानी के अपने कर भर सकें। सरकार का दावा है कि यह बिल देश की आर्थिक संरचना को मजबूत करेगा।
राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप
लोकसभा में कांग्रेस सांसद धर्मवीर गांधी ने कहा कि यह बिल राज्यों के साथ भेदभाव करता है। धर्मवीर गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को उनकी जरूरत के मुताबिक बजट नहीं दे रही। खासकर पंजाब और दक्षिण भारत के राज्यों को पर्याप्त फंड नहीं मिला। वहीं, भाजपा सांसद राव राजेंदर सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के लंबे शासनकाल में देश को भारी नुकसान हुआ, और अब जब मोदी सरकार सुधार कर रही है तो कांग्रेस को परेशानी हो रही है। संसद में इस मुद्दे पर जबरदस्त बहस हुई।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में बड़ा बदलाव
मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (PMKVVY 4.0) को स्किल इंडिया प्रोग्राम में शामिल किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नेशनल अप्रेंटिस प्रमोशन स्कीम (PM-NAPS) और जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना को भी इस प्रोग्राम का हिस्सा बनाया गया है।
सरकार का कहना है कि इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इससे भारत की युवा शक्ति को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि, विपक्ष ने इसे भी चुनावी रणनीति बताया।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग को 3 साल का विस्तार
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (NCSK) के कार्यकाल को तीन साल के लिए बढ़ाने को मंजूरी दी है। इससे पहले इसका कार्यकाल 31 मार्च 2025 को खत्म होना था, लेकिन अब इसे 2028 तक बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस फैसले से सफाई कर्मचारियों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में मदद मिलेगी। सरकार ने यह भी कहा कि इस कदम से खतरनाक सफाई कार्यों के दौरान होने वाली मौतों को शून्य करने का लक्ष्य रखा गया है।
बजट पर गरमाई राजनीति, TMC ने उठाए सवाल
बजट सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद अभिषेक बनर्जी ने सरकार पर निशाना साधा। बनर्जी ने कहा कि यह बजट अमीरों के लिए रामायण की तरह है, जिसमें गरीबों के हिस्से की धनराशि बड़े उद्योगपतियों को दी जा रही है। टीएमसी सांसद ने सरकार पर आरोप लगाया कि किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर किसानों को कर्ज के जाल में फंसाया जा रहा है। वहीं, भाजपा नेताओं ने इसे विपक्ष की हताशा बताया और कहा कि सरकार हर वर्ग का ध्यान रख रही है।
लैब ग्रोन डायमंड इंडस्ट्री को नए नियमों में छूट
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने राज्यसभा में कहा कि लैब-ग्रोन डायमंड इंडस्ट्री के लिए नए नियमों की जरूरत नहीं है।पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा नियमों के तहत यह सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में नेचुरल डायमंड के लिए किंबर्ली प्रोसेस सर्टिफिकेट को मान्यता दी गई है। पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार इंडस्ट्री को खुलकर काम करने की अनुमति दे रही है और ज्यादा नियम लागू करना इस सेक्टर के लिए सही नहीं होगा।
मिशन पोषण 2.O से 10 लाख बच्चों को फायदा
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने संसद में बताया कि मिशन पोषण 2.O के तहत अब तक 10 लाख बच्चों को लाभ मिला है। इस योजना के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार का दावा है कि इससे कुपोषण की समस्या को कम किया जा सकेगा। हालांकि, विपक्ष ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि सरकार के पास इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कोई ठोस डेटा नहीं है।
तमिलनाडु के सांसदों ने संसद के बाहर किया विरोध प्रदर्शन
तमिलनाडु के डीएमके और कांग्रेस सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। डीएमके ने श्रीलंका की नौसेना द्वारा बंदी बनाए गए भारतीय मछुआरों की रिहाई की मांग की। डीएमके सांसदों ने केंद्र सरकार पर श्रीलंकाई सरकार के सामने दबाव नहीं बनाने का आरोप लगाया। द्रमुक सांसदों ने कहा कि भारतीय मछुआरे लगातार श्रीलंकाई नौसेना के निशाने पर हैं, लेकिन मोदी सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने नारे लगाए और पोस्टर दिखाए।