बिलासपुर।बिलासपुर में शराब दुकान के कारण स्थानीय निवासियों को हो रही परेशानियों के मद्देनजर, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि जब शराब दुकान लोगों के लिए रोजाना समस्याएं पैदा कर रही है, तो इसे अन्यत्र क्यों नहीं स्थानांतरित किया जा सकता।
डिवीजन बेंच ने स्पष्ट रूप से नाराजगी जताते हुए नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिया कि वे हर शाम शराब दुकान और उसके आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण करें ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कोर्ट ने आयुक्त से स्थिति के बारे में व्यक्तिगत शपथ पत्र भी पेश करने को कहा।
चीफ जस्टिस सिन्हा की नाराजगी तब बढ़ गई जब अधिकारियों ने बताया कि सिरगिट्टी अंडरब्रिज के पास स्थित शराब दुकान के कारण क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। शराबियों की भीड़ के कारण महिलाओं और स्थानीय निवासियों को आने-जाने में कठिनाई हो रही है। कोर्ट ने पूछा कि जब स्थिति इतनी खराब है, तो शराब दुकान को अन्यत्र क्यों नहीं हटाया गया।
आबकारी सचिव के जवाब के बाद, कोर्ट ने बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त को क्षेत्र का दैनिक निरीक्षण करने और व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश करने का आदेश दिया। जनहित याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच द्वारा की गई, जिसमें चीफ जस्टिस की सख्ती स्पष्ट थी।
चीफ जस्टिस की नाराजगी के बाद, अधिकारियों ने दुकान के संचालन के समय में बदलाव करने और इसे दूसरी जगह स्थानांतरित करने का सुझाव दिया। डिवीजन बेंच ने गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें आबकारी सचिव ने कोर्ट के पिछले आदेशों के अनुसार आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए शपथ पत्र पेश किया।
बेंच ने कहा कि वे एक महीने तक स्थिति पर नजर रखेंगे ताकि स्थानीय निवासियों, विशेषकर महिलाओं, को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, डिवीजन बेंच ने बिलासपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यकतानुसार उचित बल प्रयोग करने का निर्देश दिया।