प्रयागराज : महाकुंभ मेले का सबसे पवित्र और भव्य आयोजन, अमृत स्नान, बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम के तट पर संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु, संत, महंत और अखाड़ों के साधु-संतों ने पवित्र स्नान कर आध्यात्मिक पुण्य अर्जित किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “शून्य त्रुटि” निर्देश के तहत इस महायोजना को व्यवस्थित और सुरक्षित रूप से संपन्न किया गया।

शून्य त्रुटि निर्देश के तहत सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार अमृत स्नान की सभी व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया था, विशेष रूप से 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ की घटना के बाद। इस घटना में 30 लोगों की जान चली गई थी और 60 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए थे। इस बार स्नान को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए 25 सेक्टरों में सुरक्षा चक्र बनाया गया था। पूरे मेले में 3,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिनसे श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। इसके अलावा, 30 पोंटून पुलों और महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष बैरिकेडिंग की गई थी।
सुबह 5 बजे हुआ पवित्र अमृत स्नान
स्नान की परंपरा के अनुसार, विभिन्न अखाड़ों ने अपने महंतों और महामंडलेश्वरों के नेतृत्व में त्रिवेणी संगम की ओर पारंपरिक शोभायात्रा निकाली। सुबह 5 बजे के आसपास इस पवित्र अनुष्ठान की शुरुआत हुई। तीन प्रमुख संप्रदायों – संन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़ों ने निर्धारित क्रम के अनुसार स्नान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर श्रद्धालुओं और संत समाज को अपनी शुभकामनाएँ देते हुए ट्वीट किया, “महा कुंभ-2025, प्रयागराज में बसंत पंचमी के पावन अवसर पर पवित्र त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने वाले पूज्य संतों, धार्मिक नेताओं, सभी अखाड़ों, कल्पवासियों एवं श्रद्धालुजनों को हार्दिक शुभकामनाएँ!”

5 करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना, 16 लाख ने लगाई डुबकी
महाकुंभ मेले में अब तक कुल 33 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है, और सोमवार को अकेले 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना जताई गई थी। सुबह 4 बजे तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 16 लाख से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान कर चुके थे।
विशेषज्ञ प्रशासनिक दल ने संभाली कमान
इस विशाल आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने 2019 के अर्धकुंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों – आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी को भी तैनात किया। इनके साथ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद की टीम ने इस आयोजन को निर्बाध रूप से संचालित किया। मेले के सुरक्षा प्रबंधों की जिम्मेदारी एडीजी पुलिस भानु भास्कर के नेतृत्व में निभाई जा रही है।

योगी आदित्यनाथ ने घटना स्थल का किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अमृत स्नान से पहले शनिवार को प्रयागराज पहुंचे और 29 जनवरी को हुए हादसे के स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि अमृत स्नान पूरी तरह त्रुटिहीन हो।
महाकुंभ की अन्य प्रमुख स्नान तिथियाँ
अमृत स्नान के अतिरिक्त, महा कुंभ के दौरान तीन अन्य प्रमुख स्नान तिथियाँ भी निर्धारित हैं:
13 जनवरी: पौष पूर्णिमा
12 फरवरी: माघी पूर्णिमा
26 फरवरी: महाशिवरात्रि (महा कुंभ का समापन दिवस)
मोक्ष की कामना में उमड़ा जनसैलाब
हिंदू धर्म में मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार भी लाखों श्रद्धालु इस विश्वास के साथ पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर अपने आध्यात्मिक जीवन को संवारने पहुंचे।
फूलों की वर्षा और आध्यात्मिक संदेश
बसंत पंचमी के अवसर पर स्नान कर रहे संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के स्वामी भवेंद्र गिरि ने इस अवसर पर कहा, “यह एक अत्यंत पावन स्थल है, जहाँ तीन पवित्र नदियों – गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। मैंने समस्त विश्व के कल्याण की प्रार्थना की।” महा कुंभ का यह तीसरा अमृत स्नान पूरे देश में आध्यात्मिक जागरूकता का संदेश दे रहा है। श्रद्धालुओं का उत्साह और धार्मिक भावना कुंभ मेले की परंपरा को और अधिक भव्यता प्रदान कर रही है।