रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत 15,000 आवासों की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले इन परिवारों के लिए एक सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक बनेगी। उनका कहना था कि आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों को मुख्यधारा में लाने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इसके तहत मिलने वाले आवास न केवल मकान होंगे, बल्कि ये उन परिवारों को बेहतर और सुरक्षित जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित होंगे।
योजना की विस्तृत जानकारी-उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इस योजना में खासतौर पर उन परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में शामिल नहीं थे। इस सूची को 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर इस योजना के लिए स्वीकृति प्राप्त की।
आवास निर्माण प्रक्रिया-इस योजना के तहत पुलिस अधीक्षक और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) द्वारा आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद जिला पंचायत द्वारा इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के बाद, कलेक्टर के माध्यम से लाभार्थियों के लिए भूमि का चिन्हांकन किया जाएगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवास निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह योजना प्रदेश के विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगी, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन मिलेगा।