नई दिल्ली : कोलकाता महिला डॉक्टर केस पर आज सुप्रीम कोर्ट दोबारा सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले को सुनेगी जिसमें सीजेआई के अलावा जस्टिस जे बी पार्डीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। 20 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सर्जन वाइस-एडमिरल और डीजी मेडिकल सर्विसेज आरती सरिन के नेतृत्व में एक 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल का गठन किया था। कोलकाता महिला मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने घटना की गंभीरता को समझते हुए स्वत: संज्ञान लिया था।
कोलकाता पुलिस और सरकार को पड़ी थी डांट
20 अगस्त को हुई सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने कोलकाता पुलिस और राज्य की आलोचना की थी। अदालत ने कहा कि आपने समय पर जांच नहीं की और भीड़ को अस्पताल में तोड़फोड़ करने की अनुमति दी। डॉक्टर की मौत पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, शीर्ष अदालत ने बंगाल सरकार को चेतावनी दी थी कि उसे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर कोई शक्ति नहीं छेड़नी चाहिए।
नैशनल टास्क फोर्स में ये लोग शामिल
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एनटीएफ के अन्य सदस्यों में हैदराबाद स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के अध्यक्ष डी नागेश्वर रेड्डी, एम्स दिल्ली के निदेशक एम श्रीनिवास, निम्हंस बेंगलुरु के निदेशक प्रतिमा मुर्ति, जोधपुर एम्स के कार्यकारी निदेशक गोवर्धन दत्त पुरी, गंगा राम अस्पताल के सौमित्र रावत, रोहतक स्थित पंडित बी डी शर्मा मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति अनिता सक्सेना, मुंबई स्थित ग्रांट मेडिकल कॉलेज की डीन पल्लवी सपले और परास हेल्थ गुरुग्राम में न्यूरोलॉजी की अध्यक्ष पद्मा श्रीवास्तव शामिल हैं। तीन सदस्यीय पीठ ने इस घटना को भयावह करार दिया था और कहा कि इससे राज्य तंत्र की व्यवस्थित विफलता का पता चलता है।