कोझिकोड:- केरल में निपाह वायरस के कहर से एक 18 साल की लड़की की मौत हो गई. उसने कोझिकोड के एक प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली. अस्पताल के अधिकारियों ने निपाह वायरस से किशोरी की हुई मौत की पुष्टि की है.
केरल में निपाह का कहर
किशोरी मलप्पुरम के मनका की रहने वाली थी. कोझिकोड मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब के परीक्षण के नतीजों से पता चला है कि किशोरी घातक वायरस से संक्रमित थी. केरल में निपाह वायरस के प्रकोप के कारण एक और जान चली गई.
लड़की को ब्रेन डेड घोषित किया गया था
निपाह वायरस संक्रमण की पुष्टि होने पर लड़की को 28 जून को कोट्टाकल के एक प्राइवेट अस्पताल से कोझिकोड रेफर कर दिया गया था. यहां पहुंचने पर लड़की को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. जिसके बाद 1 जुलाई को लड़की की मौत हो गई. अस्पताल के संबंधित अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की .
केरल में निपाह वायरस से अब तक 25 लोगों की हुई मौत
अधिकारियों ने बताया कि, लड़की के नमूने पुणे वायरोलॉजी संस्थान को भी भेजे गए थे, जिसके नतीजे आज बाद में आने की उम्मीद है. निपाह की पुष्टि के बाद, कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक डॉक्टर, जिन्होंने पोस्टमार्टम किया था, एहतियात के तौर पर क्वारंटीन में चले गए हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केरल में अब तक निपाह से संबंधित 25 मौतें दर्ज की गई हैं.
केरल के पलक्कड़ में निपाह वायरस का एक और केस
वहीं दूसरी तरफ, पलक्कड़ के नट्टुकल की 38 साल की महिला निपाह वायरस से संक्रमित पाई गई. इसकी पुष्टि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान से हुई, जहां उसका सैंपल एडवांस टेस्टिंग के लिए भेजा गया था. पलक्कड़ जिले के नट्टुकल की मूल निवासी महिला का पेरिंथलमन्ना के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था. पुणे लैब में पुष्टि के लिए भेजे जाने से पहले ही उसके प्रारंभिक परीक्षण के परिणाम में निपाह संक्रमण का संकेत मिल गया था.
जिसके बाद उसकी प्रारंभिक जांच में निपाह वायरस के लक्षण पाए गए. पुष्टि के लिए उसके नमूने पुणे वायरोलॉजी लैब को भी भेजे गए हैं. स्वास्थ्य अधिकारी प्रभावित जिलों में निगरानी और संपर्क ट्रेसिंग के प्रयासों को तेज कर रहे हैं. साथ ही लोगों से सतर्क रहने और स्वास्थ्य संबंधी सलाह का सख्ती से पालन करने का आग्रह कर रहे हैं.
मई 2018 में पेराम्बरा में पहली बार निपाह वायरस का पता चला था. इसने केरल के लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया. दो महीनों में इस बीमारी से 18 लोगों की जान चली गई थी. 4 जून 2019 को कोच्चि में एक 23 वर्षीय छात्र को इस बीमारी का पता चला, लेकिन बाद में वह ठीक हो गया. इसके बाद 5 सितंबर 2021 को कोझीकोड के चाथांगलम में 12 साल के एक लड़के की संक्रमण से मौत हो गई थी.
अगस्त और सितंबर 2023 में कुटियाडी में दो लोगों की वायरस से मौत हो गई. वहीं 6 संक्रमित मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए. केरल में निपाह से अंतिम मृत्यु 21 जुलाई, 2024 को मलप्पुरम के पांडिक्क के 14 वर्षीय लड़के की हुई थी.
क्या है निपाह वायरस
निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है. यह संक्रमित चमगादड़ों, सूअरों या संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैल सकता है.
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं. गंभीर मामलों में, यह वायरस एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन) और दौरे का कारण बन सकता है.
उपचार: निपाह वायरस का कोई टीका या विशिष्ट एंटीवायरल उपचार नहीं है. उपचार लक्षणों से राहत और जटिलताओं को रोकने पर केंद्रित होता है.
रोकथाम: निपाह वायरस के प्रसार को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि जोखिम से बचा जाए. इसमें बीमार सूअरों या चमगादड़ों के संपर्क से बचना, बिना पके हुए ताड़ के रस का सेवन न करें.